पर्यावरण दिवस पुनः आ गया। पर्यावरण संरक्षण , जल ,जंगल और जमीनको लेकर स्वच्छिक संघठन शोर करते रहे परन्तु इस जायज शोर का असर देश के भाग्य नियंताओं पर जरा सा भी नही पड़ा। वरना दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा के चुनाव में किशी भी पार्टी या नेता के चुनाव एजेंडे में पर्यावरण के प्रति गंभीरता और नदियों के लिए कोई दर्द कही नही दिखा। इस सम्बन्ध में हमारी वरुणा ने अपने स्तरसे प्रयास कर के पार्टियों और नेताओ को आने वाले पर्यावरण संकट के सम्बन्ध में चेताने की भी कोशिस की पर किसे चिंता है नदी बचाने की?
बहरहाल हमारी वरुणा अभियान पुनः इन नेताओं को जल संकट का आइना दिखने का एक प्रयाश करने जा रहा है। हमारी वरुणा के सह संयोजक सूर्य भान सिंह ने आने वाले पर्यावरण दिवस को पुनः वाराणसी को पहचान देने वाली वरुणा के दर्द को सम्बंधित जन प्रतिनिधियों तक पहुचाने की ठानी है। उन्होंने बताया की हमारी वरुणा के संयोजक डाक्टर व्योमेश चित्रवंश और समिति के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओ का एक प्रतिनिधि मंडल क्षेत्रीय सांसद गण डाकटर मुरली मनोहर जोशी, तूफानी सरोज, गोरख नाथ पाण्डेय ,राम किशुन , कपिलमुनि करवरिया , रेवती रमन सिंह एवं विधायको, जिला व क्षेत्र पंचायत प्रमुख गण के साथ मिल कर उन्हें वरुणा की दुर्दशा को बताते हुए वरुणा को बचानेके लिए अपील करेगी।
हमारी वरुणा पिछले कई वर्षो से वाराणसी नदी को पहचान देने वाली जीवन दायिनी प्राच्य नदी वरुणा को मृत्युगामिनी होने अचने के लिए प्रयास रत है। हमारी वरुणा के बारे में अधिक जानने के http://hamarivarunavaranasi.blogspot.comदेखें.
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