अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
24.5.09
अदाएं
हाँ शब्द झूठे है सभी सत्ये कथाओ की तरह वक्त बेशर्म है वैशाओ की अदाओ की तरह जाने किस का था साया जिसे छूने को हम भटकते रहे आवारा हवाओ की तरह प्यार के वास्ते बरसो तरसा है ये दिल अब तो बरसो कोई सावन की घटाओ की तरह ---------- महेश शिवा
achha hai
ReplyDeletekya baat hai
ReplyDelete