29.6.09

तूफ़ानों से अपनी यारी है......




ज़िंदगी तूफ़ानों में बीती सारी है
अब तो तूफ़ानों से अपनी यारी है



बारहा* डूबते-डूबते बचे हैं * बार-बार
बारहा मौजों में क़श्ती उतारी है

अब तो तूफ़ानों से अपनी यारी है...



आसमां तो फिर भी आसमां है
अब तो आसमां से भी आगे जाने की तैयारी है
अब तो तूफ़ानों से अपनी यारी है.....



जिसे चाहे अपना बना लें,
जिसे चाहे दिल से लगा लें,
इसे मेरा जुनून समझो या समझो कोई बीमारी है..

ज़िंदगी तूफ़ानों में बीती सारी है
अब तो तूफ़ानों से अपनी यारी है.............




-पुनीत भारद्वाज
http://teer-e-nazar.blogspot.com/

3 comments:

  1. ab to toofano se ladne ka mann karta hai,
    himmat se aapki, hamara honsla badta hai.
    nice lyrics...
    HARITA

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  2. nazro ke teer ese hi chalate rahiye.

    Arvind Sharma

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  3. nazro ke teer ese hi chalate rahiye.

    Arvind Sharma

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