19.7.09
फूटेज दिखाने में देरी क्यों?
आजकल भारतीय राजनाति में जो चल रहा हे वह बहुत ही घिनोना hऐ । अभी हल ही में कुछ ऐसा ही हुआ जब उ.प्र की कांग्रेस की अध्यछ रीता बहुगुणा जोशी ने एक सभा में भाषण देते हुए सभी हदे पार कर दी। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री मायाबती अपना बलात्कार करवा लें तो उन्हें एक करोड़ रूपये मिलेंगे। प्रदेश में बसपा की सरकार हे इस पर इस तरह का ब्यान ने मायावती को नाराज कर दिया हालाँकि रीता बहुगुणा ने इसके लिए माफी मांग ली थी लकिन मायावती ने माफ करने से साफ इंकार कर दिया। और १५ तारिख की रत को दंगायिओं ने रीता के घर को आग लगअ दी। इस घटना के बाद यह प्रश्न सामने आया की जब घटना को अंजाम दिया गया तो पुलिस क्या कर रही थी और जहाँ पर रीता रहती हें वह बहुत ही हाई क्लास इलाका हे। घटना के एक दिन बाद अचनक न्यूज़ चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज़ चलने लगी की जिस वक्त रीता के घर में आग लगे गई उस समय उ.प्र पुलिस के कई उच्च अधिकारी घटना के समय वहां मोजूद थे। चैनलों ने बाकायदा फूटेज भी दिखाए लकिन सवाल यह उठता हे जब फूटेज थे तो उन्हें पहले क्यों नही दिखाया गया । यह टेक्नोलॉजी का जमाना हे फिर इसमे इतनी देर क्यों हुई। क्या न्यूज़ चैनलों को किसी की परमीशन का इंतजार था? किसके कहने पर बाद में इसका प्रशारण किया गया कहीं न कहीं यह एक सवाल तो खड़ा करता ही हे की आखिर समय पर फुटेज क्यों नही दिखाए गए । इस प्रश्न ने चैनलों को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया हे।
उत्तर प्रदेश में रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने वाले "मुसलमान" को मायावती ने मंत्री बना कर जैसे उसे इनाम दिया है और आगे आने वाले भविष्य की भयानक तस्वीर पेश की है मायावती की कृपा पाने के लिए कुछ लोगों ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का घर जलाया,ये एक शुरुआत है आगे कोई कुछ और जलाएगा और कहीं कोई देश नहीं जला दे. ऐसा लग रहा है जैसे एक नए किस्म का आतंकवाद जन्म ले रहा है जिसको "दलित आतंकवाद" कहा जा सकता है. यदि समय रहते गैर दलित नहीं चेते तो गंभीर परिणाम भुगतने को मिलेंगे,क्योंकि दलितों को सरकारी संरक्षण मिला हुआ है और ये लोग उसको आधार बना कर दादागिरी करते हैं.
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