अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
5.10.09
सजनी के प्यारे सजना रहते हैं परदेश, वहीँ से भेजा सजना ने सजनी को संदेश, तुम्हारे लिए मैं क्या भेजूं दे दो ई मेल आदेश, साजन की प्यारी सजनी ने भेज दिया संदेश, रुखी-सूखी खा लेँगे आ जाओ अपने देश।
ऐसी अच्छी सज़नी छोड़
ReplyDeleteसज़ना
काहे गया विदेश
ऐसी अच्छी सज़नी छोड़
ReplyDeleteसज़ना
काहे गया विदेश
अभी भी समय है ,
ReplyDeleteलौट आए अपने देश
देश में निकला है चाँद
वह चाँद जो है घुघट में.
प्रदीप श्रीवास्तव
निजामाबाद