5.10.09


सजनी के प्यारे सजना
रहते हैं परदेश,
वहीँ से भेजा सजना ने
सजनी को संदेश,
तुम्हारे लिए मैं क्या भेजूं
दे दो ई मेल आदेश,
साजन की प्यारी
सजनी ने
भेज दिया संदेश,
रुखी-सूखी खा लेँगे
आ जाओ अपने देश।

3 comments:

  1. ऐसी अच्छी सज़नी छोड़
    सज़ना
    काहे गया विदेश

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  2. ऐसी अच्छी सज़नी छोड़
    सज़ना
    काहे गया विदेश

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  3. अभी भी समय है ,
    लौट आए अपने देश
    देश में निकला है चाँद
    वह चाँद जो है घुघट में.
    प्रदीप श्रीवास्तव
    निजामाबाद

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