“अक्ल ये कहती है सयानो से बनाए रखना
दिल ये कहता है, दीवानो से बनाए रखना
लोग टिकने नही देते कभी चोटी पर
जान पहचान ढलानो से बनाए रखना
जाने किस मोड पे मिट जाए निशा मंजिल के
राह के ठौर- ठिकानो से बनाए
हादसे हौसले तोडेंगे सही है फिर भी
चन्द जीने के बहानो से बनाए रखना
शायरी ख्वाब दिखाएगी कई बार
मगर
दोस्ती गम के फसानो से बनाए रखना
आशिया दिल मे रहे आसमान आंखो मे
यू भी मुमकिन है उडानो से बनाए रखना
दिन को जो दिन रात को जो रात नही कहते है
फांसले उनके बयानो से बनाए रखना...। (संकलित)
मित्रो,
कुछ पंक्तिया अपने सोए हुए अहसास को कुरेद जाती है ऐसा मैने महसुस किया जब उपरोक्त पंक्तिया मैने कही पर पढी थी..। इसके रचयिता का नाम तो मुझे ज्ञात नही है लेकिन जो भी है बात बडे कांटे की कही है सो अब ये आपको सौप रहा हू..। अगर कोई बन्धु इसके रचयिता का नाम जानता हो तो मुझे भी बताने का कष्ट करे ताकि किसी महफिल मे इसको पढने से पहले उनको सादर आभार व्यक्त किया जा सके..।
डा.अजीत
www.shesh-fir.blogspot.com
इस सलाह के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।