जहाँ तक मुझे याद हैं, ये तो हमें बचपन में हमारे स्कूल में ही सिखाया जाता हैं की जब भी कभी राष्ट्रगान या राष्ट्रगीत चले या बजे तो उसके सम्मान में हमें खड़ा होना चाहिए. लेकिन इन महाशय को कौन बताएगा की इन राष्ट्र गीतों में हमारे गौरवशाली देश की महानता और वैभव छिपा हैं और जो इन गीतों के जरिये व्याख्यान किया गया हैं. आप जो फोटो देख रहे हैं शायद आपको देख कर ही पता चल रहा होगा की साड़ी जनता खड़ी होकर इसके प्रति सम्मान प्रकट कर रही हैं लेकिन इन दो जन को किसी छेज की सुध ही नहीं. वाह रे बड़े राजनेता, क्या खूभ शान हैं इनकी जो ये दिखा रहे हैं. जिस देश में रहते हैं उसी का निरादर कर रहे हैं. अब आप ही बताये की क्या ये सही हैं की कल को कोई और हमें बताये की
"भाई तुम्हारे यहाँ के नेता तो अपने देश के राष्ट्रीय गीत या गान की कदर नहीं करते तो देश की क्या करेंगे"
अब आप ही न्याय करिये और दुसरो को भी बताये की हमारा देश महान हैं इसलिए ऐसे नेता होने चाहिए या नहीं?
क्या खुभ बात की हैं आपने. अगर देश के अगुवा ही ऐसे करेंगे तो देश का क्या होगा?
ReplyDeleteअरे पवन भाई आपको पता नहीं है कि कुछ लोगों को ऐसे समय पर छूट मिली है जैसे अपाहिज, बीमार, पागल
ReplyDeleteया मंदबुद्धि. अब ये जो लोग फोटो में दिख रहे हैं इनमे से ही कुछ होंगे...शायद.