23.2.10

सरे आम भारतीय झंडे का अपमान


आखिर ऐसा क्यों
दुनिया के हर देश में उसका झंडा फहराने के लिए अलग नियम और कानून होते है। भारत में भी है। लेकिन भारत के नियमो पर गौर करे तो हम अपने ही देश के झंडे का सरे आम अपमान कर रहे है। इस अपमान में किसी का ध्यान नहीं गया। ये अपमान सबकी आँखों के सामने होता है। लेकिन सरकार और उसका प्रशासन तंत्र कुछ भी नहीं कर पा रहा है। आखिर देश में कानून कि हिफाज़त के लिए कौन है। क्यों वो लोग अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है।

हमारे देश के झंडे कानून कि अगर बात करे तो हम अपने तिरंगे को रात में कतई नहीं फहरा सकते। ऐसा करने पर उसका अपमान होता है। लेकिन जब भी मैं कभी भारत के किसी भी खेल का मैच देखता हूँ तो मुझे अपने झंडे के अपमान का द्रश्य देखने को मिलता है। खेल प्रसंशक रात में भी झंडे को बगैर किसी मान मर्यादा के फहराते नजर आ ही जाते है, और तो और खुद किलाडी भी मैच जीतने के बाद झंडे का अपमान करते हुआ आसानी से दिखाई दे सकते है। आखिर किसी का ध्यान उस और क्यों नहीं जाता है। वैसे तो हमारे देश में मानव अधिकार वाले अन्य किसी भी जगह झंडे के अपमान में बखेड़ा खड़ा कर देते है। लेकिन उनका ध्यान उधर क्यों नहीं जाता है। हेरानी वाली बात तो ये है कि हम टीवी चैनल के जरिये सभी फुटेज पूरी दुनिया में भेज रहे है। इसके साथ ही हम अपने ही देश के ध्वज के अपमान को भी पुरे विश्व में दिखा रहे है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। इस और सरकार का ध्यान कब जायेगा। हम अपने ही आगे अपने ही रास्ट्रीय ध्वज का अपमान कैसे देख रहे है।

मैंने इस ब्लॉग पर अपनी जानकारी के अनुसार अपने विचार लिखे है। अगर इसमें कही कोई गलती हुई हो तो प्लीज़ मेरा मार्गदर्शन करना।
धन्यवाद्।
सूरज सिंह

1 comment: