भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
27.7.10
आओ न आँधियों कहीं और उड़ा लो मुझे ...
निगाहों में रख लो और दिल में बसा लो मुझे
हाथों की लकीरों में लिल्लाह सजा लो मुझे
मैं डूबती जाती हूँ इक कुंद सी आवाज़ हूँ
थामो तो मेरा हाथ बाहर तो निकालो मुझे
वो धूल का ज़र्रा हूँ मैं बस यूँ ही पड़ी रहती हूँ
आओ न आँधियों कहीं और उड़ा लो मुझे
2 comments:
Udan Tashtari
27/7/10 7:51 AM
बेहतरीन!
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vandana gupta
27/7/10 6:29 PM
बहुत सुन्दर्।
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बेहतरीन!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर्।
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