शहीद सम्मान समारोह में डॉ.निशंक ने दिए पूर्व सैनिकों की चार प्रमुख मांगों के समाधान का आश्वासन
24 करगिल शहीदों के परिजनों का सम्मान
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक ने 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस की 11वी बरसी पर शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। देहरादून एक्स सर्विस लीग के तत्वावधान में आयोजित शहीद सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री निशंक ने करगिल आपरेशन के 24 शहीदों की मां, पिता व विधवाओं को स्मृति चिन प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 'राज्य सरकार पूर्व सैनिकों व शहीद परिवारों की समस्याओं के निराकरण के लिए संकल्पित है'। सम्मान समारोह के दौरान करगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर उनकी शहादत को नमन कर श्रद्धांजलि दी गई। रेंजर्स कालेज में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डा. निशंक ने कहा कि देशप्रदेश के सैनिकों ने विपरीत परिस्थितियों में देश को मजबूती के साथ खड़ा कर सारी दुनिया में लोहा मनवाया है। उत्तराखंड हमेशा से वीरों की भूमि रही है। माधों सिंह मलेथा व पेशावर के नायक वीरचंद्र सिंह गढ़वाली से शुरू हुई वीरता की यह गाथा आज भी बरकरार है। करगिल युद्ध में सूबे के जवानों ने जान की परवाह किये बगैर सरहद की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध में हमने अपने जवानों को खोया नहीं बल्कि उनकी शहादत को हमेशा के लिए अमर बनाया है। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व सैनिकों की ओर से रखी गई मांगों पर यथाशीघ्र कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध से भारतीय सेना की देश-दुनिया में अलग पहचान बनी है। इसी को ध्यान में रखते हुए देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों के पार्थिव शरीर को सैनिक सम्मान के साथ उनके पैतृक आवास तक पहुंचाने की पहल की थी। राज्य सरकार ने भी पूर्व सैनिकों, वीरता पदक विजेताओं व शहीद परिवारों को हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध कराई है।
इस मौके पर सैनिक संगठन के अध्यक्ष बिग्रेडियर (सेनि) केजी बहल ने की। उन्होंने संगठन द्वारा पूर्व सैनिक व शहीद परिवारों के हित में किये जा रहे कायरें पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर करगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को स्मृति चिन व शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। प्रदेश के पहले कीर्ति चक्र विजेता कर्नल (सेनि) इंद्र सिंह रावत, बिग्रेडियर पीएस गुरुंग, ब्रिगेडियर आरएस रावत, कर्नल बीएम थापा, कैप्टन अमर सिंह गुसाईं, केबी थापा, विमलकांत नौटियाल समेत तमाम सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, जवान व शहीदों के परिजन भी कार्यक्रम में मौजूद थे। सम्मान समारोह के दौरान करगिल शहीदों के परिजनों के साथ मुख्यमंत्री डा. निशंक ने अलग से बातचीत की और उन्हें सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
जगमोहन 'आज़ाद'
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