21.8.10

यशवंत भाई ई टी वी हमेशा जिंदाबाद ही रहेगा

ई टी वी के साथ एक वर्ष काम किया. लखनऊ, लखीमपुर, पलिया कलां, मेरठ, फर्रुखाबाद मात्र 9 महीने के अंदर 4 बार ट्रान्सफर. इनपुट आउट पुट की राजनीती तो चलती ही रहती हैं पर ई टी वी के माध्यम से मात्र 9 महीने में 30 हज़ार से भी अधिक लोगों का भला किया. उनके दर्द और आवाज़ को सरकार के कानों तक पहुँचाया. ई टी वी आज भी कंटेंट के मामले में अच्छा है. उत्तर प्रदेश उत्तराखंड में छाया हुआ है. अधिकतर मेरे भाई हाउस छूटने के बाद उसकी बुराई करते हैं लेकिन में इस बात को नहीं भूल सकता की लखीमपुर के किसानों को एक मिल करोड़ों का पेमेंट हुआ ई टी वी की बदोलत. फर्रुखाबाद के 12 वर्षीया रामू को इन्साफ मिला ई टी वी की बदोलत, लाखों लोगों के आंसू पोंछ पाया, गरीबों को उनका हक़ दिलवाया, सरकारी किताबों में हेरा फेरी करने वालों को जेल हुई, बी पी एल कार्ड धारकों को उत्तर प्रदेश में उनका हक मिला. पी डी एस का अनाज पकड़ के गरीबों को बंटवाया. खाद्यान और गैस मफिओं को जेल मिली गर्बिओं को घर मिले. काशीराम योजना की जाँच हुई, गलत पोलिसे वाले सुस्पेंद हुए. सब का सब ई टी वी की बदोलत. मुझे ३ साल से ई टी वी को धन्यवाद् करने का मौका आज मिला है तो उत्तर प्रदेश उत्तराखंड डेस्क के अमित रावत, जमाल साहिब, जमशेद भाई जो हैदराबाद से देखते थे. इन लोगों की प्रेरणा और सहयोग से लाखों लोगों की दुवाएं ई टी वी के साथ हैं. प्रेम अरोड़ा तो मात्र माध्यम है. सो इस लिए मेरे प्रिये यशवंत भाई ई टी वी हमेशा जिंदाबाद ही रहेगा. चाहे कोई भी टीम हो.
में किसी भी हाउस के साथ काम करता रहूँ लेकिन सच बोलने की भी तो हिमंत होनी ही चाहिए. यह हमारा फ़र्ज़ भी है. पिछले हाउस के साथियों की हमेशा इज़त करनी चाहिए. बस भाई अपना काम करते रहो कहीं भी रहो. सिर्फ काम बोलता है. किसी की बुरा भला कह कर कुछ नहीं होता
प्रेम अरोड़ा
भूतपूर्व रिपोर्टर ई टी वी
वर्त्तमान में एक सफल बिज़नसमेन
ई टी वी हाउस के फिर से शुक्रिया

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