इस के अलावा इन सब के पुलिस , अफसरान की अपनी अलग अलग हुकूमत है .काहे की आजादी , हाँ हम आजाद है रोने के लिए , आप रोइए जम के , कोई आप को रोकने नहीं आएगा , न पूछेगा क़ि तुम क्यों रो रहे हो ?
एक बात ज़रूर है क़ि आजादी के नाम पर आज खुल के हंस लो वरना बाकी के ३६४ दिन शायद खुल के हंसने को भी न मिले .
आज आजादी है गुंडों , लुटरों , माफियाओं को जो जब चाहें जिसे लूट लें , मार डालें , आजादी है उन बेईमान लोगो को जब चाहें सरकारी खजाने से मनमाना पैसा निकाल कर खा जाएँ और सालों साल किसी को खबर तक न लगे ,क्या या यही है आजादी ?
आज दुख इया बात का है क़ि लोग भेडिया धसान हो गये है , कोई एक चिल्लाता है और सब उस क पीछे हुआ -हुआ कर कर चिल्लाने लगते है , बिना सोचे समझे क़ि क्या सही है और क्या गलत है .
आज सब सारा देश जल रहा है , कश्मीर , झारखंड , छतीसगढ़ , बंगाल , उडीसा सब जगह हमारे जवान मारे जा रहे है , और हम सब आजादी क़ि हुआ - हुआ चिल्ला रहे हैं , कभी किसी ने सोचने की कोशिश की है क़ि हमारे जवानों का क्या कसूर
है , जो बे मौत मरीय जा रहें है , क्या बीती होगी उन जवानों के परिजनों पर ?
नहीं आज इस सब को सोचने क़ि जरुरत कोई नहीं समझता , क्यूंकि हम सब हुआ -हुआ चिल्लाने के आदी हो चुकें है .
जो जन्मों जन्मों से कंगले थे, नेता बन मालोमाल हुए
ReplyDeleteसम्मान भी इनका होने लगा, धन-दौलत से पामाल हुए
मोटर-गाडी, नौकर-चाकर, सब सुविधा से खुशहाल हुए
देश जाए चाहे रसातल में, पर ये तो आज निहाल हुए
इनका सब काम निराला हुआ, जबसे आजादी आई है
ये नेताओं की कौम ही है, जिसने आजादी पाई है!!
बिलकुल सही बात कही आपने सब गिदर हैं और अपने-अपने में मस्त हैं ,ऐसे लोगों के रहते आजादी मिल ही नहीं सकती ...जो डर गया समझो वो मर गया ..
ReplyDeleteयही नंगी हकीकत है।
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!
ReplyDeletehttp://iisanuii.blogspot.com/2010/08/blog-post_15.html
हुआ हुआ चिल्लाने के अलावा और कुछ सिखाया ही नहीं इसीलिये तो जनता महान है वत्स जी ने अच्छी टिप्पणी दी है शिक्षा की जो दुर्गति शासन ने की है वह किस से छुपी है
ReplyDeleteलगता है बाबा जी रामदेव को ज्यादा देख लिया है, आपने |
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