मछली जल की रानी है जीवन उसका पानी है / जल है तो सब राजा है ,जल है तो रानी है /दीवारों पे ,तख्तियो पे होर्डिंग्स पे लिखा होता है :- जल बिन सब सून .मेने इसके आगे एक लाइन जोड़ दी...की जल बिन सब सून ...क्या धरती क्या मून ? !! चाँद पे,मंगल पे ज़िन्दगी ढूंढने के लिए भी पहले पानी ढूंढा जा रहा है की भाई वह पानी मिले तो प्लाट काटने का टेंडर निकले !!पानी मिले तो धरती से बिल्डर को भेज चाँद पे मल्टीप्लेक्स बनवाए !! एक बार पानी मिल जाये चाँद पे ,मल्टीप्लेक्स तो हम बनवा देंगे पानी इतना जरुरी है....कहते है तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो पानी के लिए होगा..पर बेंगलुरु की एक अम्मा जी ने पिछले ७८ सालो से पानी नहीं पिया..लो जी तीसरे विश्वयुद्ध की सम्भंवाना जड़ से ही ख़त्म कर दी!! कोई बात नहीं अब कोई और कारन ढूंढ़ लेंगे ..तीसरा विश्वयुद्ध के लिए एक कारण ही तो चाहिए,मिल जायेगा!! कोनसा रामगोपाल वर्मा की फिल्मो के लिए दर्शक चाहिए, जो पाताल में ढूढने पे नहीं मिलेंगे!! मैं बार बार अपने विषय से हट जा रहा हूँ ! अब ९२ साल की अम्मा हो ,७८ सालो से पानी नहीं पिया ,,ये विषय होगा तो हटना बनता है!! मल्लिका शेरावत ७८ घंटे भी बिना पानी रही होती. तो विषय पे टिके रहने में मज़ा आता तो अम्मा जी ने ७८ सालो से पानी नहीं पिया! पर जिनमे पानी की अच्छी मात्र होती है वो भोजन जरुर करती है..जेसे दिन में दो बार काफी पीती है. खाने में चावल खाती है ! यानि डाइरेक्ट रिश्वत नहीं लेती,पर गिफ्ट स्वीकार करती है ! पानी अनमोल है एक -एक बूंद के लिए लोग अपने अपनों का खून बहा रहे है. पानी की वजह से खून बह रहा है !! और ७८ सालो से अम्मा जी ने पानी ही नहीं पिया ?? तो वो पानी गया कहा ? ७८ सालो से अगर उस पानी को जमा किया होता तो आज अम्मा जी मिनरल वाटर की कोई दुकान आराम से खोल लेती..आज सब कुछ बिक सकता है..सही रकम और बढ़िया मार्केटिंग स्किल्स होनी चाहिए !! आने वाले भविष्य में हवा भी बिकेगी वो भी तोल के भाव!! में फिर विषय से हट गया, लेखक को टिकाये रखने के लिए विषय का सोलिड होने के साथ साथ जवान होना भी जरुरी है..!!फिलहाल मैं अम्मा जी से ७८ सालो के पानी का हिसाब मांग रहा हूँ, जो उन्होंने नहीं पिया!! जब वो नहीं पिया तो कहा गया..?? इस पे तो जांच कमिटी बैठेगी !! अब अम्मा जी नहीं पिया तो किसी और गरीब प्यासे को दे देती !! क्या अम्मा जी नहीं जानती की हम कितने बड़े प्यासे है ? पानी के प्यासे,पब्लिसिटी के प्यासे,पेसे के प्यासे ,प्यार के प्यासे ..!! अक्चुली ये प्यास है बड़ी..
सोचिये अगर पानी नहीं होता..दुनिया में कही नहीं होता ..हम क्या पीते? क्या पता तब पिने का सिस्टम भी होता की नहीं...तब सिर्फ खाने का सिस्टम होता पानी नहीं होता तो दूधवाला दूध में क्या मिलाता ? लोग मेहमानों के शरबत में क्या दाल के पिलाते? मिनरल वाटर वाले क्या बेचते ? उनके बीवी बच्चे तो भूके मर जाते..!! बताइए पानी नहीं होता तो भूके मर जाते...प्यासे नहीं ??? पानी नहीं होता तो जहाज बंदरगाह पे पड़े पड़े ताश खेलते!! पानी नहीं होता तो इतने बड़े बड़े आविष्कार भी हुए बिना रह जाते ...जिनके हिस्से वो आविष्कार करने को आये थे वो लोग दुनिया में क्या करते ? पानी नहीं होता तो हिंदी फिल्मो के गाने किस पे बनते ? काफी रे काफी तेरा रंग केसा ? टिप टिप बरसा शरबत,शरबत ने आग लगे..कोल्ड ड्रिंक कोल्ड ड्रिंक रे खरी कोल्ड ड्रिंक रे...एटक. पानी नहीं होता तो हिंदी फिल्मो की हेरोइन किस्मे भीगती ??? पेसे की बारिश में तो भीगती ही रहती है..दर्शको के लिए पानी में भीगना भी जरुरी है .!! सोचिये कितने बाथरूम सीन,जिसमे अभिनेत्री ने अपना असली एक्टिंग टेलेंट दिखया था..वो अनदेखा रह जाता ...सिर्फ अगर पानी नहीं होता!!और पानी नहीं होता तो हमे नीट पीनी पड़ती!! और डाइरेक्ट पीने से लीवर जल्दी ख़राब होता है..!! सिर्फ सुना है..यहाँ हर चीज़ तजुर्बा करके लिखने की जरुरत नहीं है ..!! जब पानी के इतने रंग है तो अम्मा जी एक बात बताओ आपने ७८ सालो से पानी क्यों नहीं पिया मुंसीपाल्टी का नल लगवाए होती तो पानी के साथ और भी चीज़े मुफ्त में मिलती!! जांच करने वालो का कहना है की मामले की जांच की जाएगी...जांच करनी है तो ये जांच करो की नालो का गन्दा पानी पीके भी लोग जिंदा क्यों है..
निखिल
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