लखनऊ से सूचना आ रही है कि आज शाम उत्तर प्रदेश शासन के दो बड़े अधिकारियों एडीजी ला एंड आर्डर ब्रजलाल और होम सेक्रेट्री दीपक कुमार की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकारों ने पत्रकारों व उनके परिजनों के उत्पीड़न का मामला प्रमुखता से उठाया. गाजीपुर जिले के नंदगंज थाने में पत्रकार यशवंत के परिवार की बेकसूर महिलाओं को बंधक बनाकर रखने के मसले को अफसरों के समक्ष उठाते हुए कई पत्रकारों ने पुलिस के रवैये की आलोचना की और जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की. सूत्रों के मुताबिक ब्रजलाल और दीपक कुमार ने इस मसले की जांच कराने और दोषी पाए जाने पर दंडित करने का आश्वासन आक्रोशित पत्रकारों को दिया.
इसी प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से जुड़े अन्य मसले भी उठाए गए. कानपुर में हिंदुस्तान टाइम्स प्रेस की घेराबंदी व पत्रकारों को परेशान किए जाने का मामला भी उठाया गया. बुखारी द्वारा एक पत्रकार के साथ मारपीट के मसले को भी यूपी शासन के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया. सभी मामलों में पुलिस के रवैये की तीखी आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र के लिए अशोभनीय श्रेणी का कृत्य करार दिया गया. एडीजी ब्रजलाल ने पत्रकारों के गुस्से को शांत करते हुए सभी मामलों में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. प्रेस कांफ्रेंस में रामदत्त त्रिपाठी, योगेश मिश्रा, मुदित माथुर, शरत प्रधान, हिसामुल इस्लाम सिद्दीकी, कुमार सौवीर, शलभमणि त्रिपाठी समेत कई पत्रकारों ने पत्रकारों व उनके परिजनों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार के मसले को प्रमुखता से उठाया. मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति ने इन सभी घटनाओं में शासन व पुलिस के रवैये की निंदा करते हुए जल्द से जल्द जांच कराकर दोषियों को दंडित करने की मांग की है.
चलिए शुरुआत हुयी है और इसे आगे बढाकर सख्त कार्यवाही की दिशा की ओर मोड़ने का प्रयास कीजिये तथा इसे सिर्फ पत्रकारों की मां तक सिमित मत रखिये ऐसा किसी भी व्यक्ति के मां के साथ हुआ हो तो उसके लिए भी न्याय का मंच बनाइये तथा उसे हर संभव सहायता व समर्थन दीजिये ..हर प्रकार के अन्याय को रोकना हमसब का कर्तव्य होना चाहिए ...जब हम आम लोगों को न्याय दिला पाएंगे तभी हमें भी न्याय पाने का अधिकार होगा ....
ReplyDeleteवन्दे मातरम यशवंत जी,
ReplyDeleteजो भी हुआ गलत हुआ नही होना चाहिए था, मगर जो हुआ है उसके निराकरण के लिए केवल पत्र व्यवहार या शिकायत आदि से जल्दी ही कुछ हो सकेगा सम्भव नजर नही आता है ........ त्वरित कार्यवाही के लिए प्रशासन पर दबाव बेहद जरूरी है .... इसके लिए एक रास्ता मैं सुझाना चाहता हूँ ....... हम सब मिलकर पुलिस मुख्यालय पर आमरण अनशन पर बैठे .... और तब तक बैठे जब तक दोषियों पर समुचित कार्यवाही नही होती है ...... मैं इस आमरण अनशन के लिए आपके साथ हूँ ....... मैं आपके साथ तब तक इस अनशन पर रहूंगा जब तक न्याय नही होता है ....... प्लीज़ मुझे फोन करे ...... 09990728101.08010022911.
yashwant ji aap ne mritpray samaj me jaan fook di h.jo patrakar samaj apane adhikaro ko le kar bilkul bhi gambhir nahi tha aaj vah pahd jaise foolis prasasan se bhidane ke liye bekrar h.thanku.m aap logo ke sath hu.aarthik,saririk aur mansik roop se.
ReplyDeletedhirendra pratap singh--dehradun-
In a democratic state, media is the fourth pillar and like judiciary , lesislature and executive , it should also enjoy a high level of respect and independence . An affront on media , and for that sake on their family members , is an insult of our democratic republic and I STRONGLY CONDEMN IT .
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