3.11.10

झूठे निकले सभी जवाब

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मेरे मासूम
सवालों के
झूठे थे तेरे
सभी जवाब,
तेरी चाहत की
दीवानगी में
गुम हो गए
मेरे सभी ख्वाब।
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अमावस का हूँ
अँधेरा, जो था
पूनम की रात,
दीप की भांति
जलो तो
बन जाये बात।
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तुम्हारी तुला
तोलने वाले भी
तुम्हारे ही हाथ,
ऐसे में कोई
क्यूँ देने लगा
मेरा साथ।
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***गोविंद गोयल

2 comments:

  1. govind ji ake achchi sundr prstuti ke liyen mubark ho. akhtar khan akela kota rajsthan

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  2. तुम्हारी तुला
    तोलने वाले भी
    तुम्हारे ही हाथ,
    ऐसे में कोई
    क्यूँ देने लगा
    मेरा साथ।

    गोविन्द जी बिलकुल सही लिखा है आपने......

    Manish Singh "गमेदिल"
    http://manishgumedil.jagranjunction.com

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