उम्र भर का सफ़र दो पल में ख़त्म,
पर भ्रमर को फूलों से प्यार होता है;
लाख जल जायेंगे, लाख मिट जायेंगे,
पर परवानों को "लौ" से प्यार होता है;
फसल पकने से पहले ही ना जाने क्यूँ,
कृषक को खेतों से प्यार होता है;
उसके आने से शायद हो "अंत मेरा"
पर शबनम को किरणों से प्यार होता है;
बच्चे की सूरत देखे ही बिन,
माँ को बच्चे से प्यार होता है;
मौत के साये में लिपटते ही क्यूँ;
इन्सां को जिन्दगी से प्यार होता है;
क्यूंकि शायद "प्यार अँधा होता है"..............................
Manish Singh "गमेदिल"
vaaqyi jesaa aapne likhaa pyaar aesa hi hotaa he . akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeletethanks for your valuable comment.
ReplyDeleteManish Singh "गमेदिल"
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