((आज के इस आधुकिन युग में कास्ट सिस्टम अभी भी चला आ रहा है ,जिसके चलते लड़का लड़की अपनी पंसद ,समझ और प्यार के आधार पे नही अपितु कास्ट के मुताबिक़ ही शादी करने के लिए विवश किये जाते हैं..या कुछ अपने माँ बाप की साख और इज्ज़त रखने के लिए अपनी जिंदगी में समझोता कर लेते हैं.....{{ हाँ..शादी विवाह सोच समझ और देख भाल के ही करने चाहिए ...मगर सिर्फ कास्ट के आधार पे इक रिशता तोड़ देना......????..
ना ये दो इंसानों के दिल को चोट पहुंचाता है ...पर कभी कभी ये आगे चल कर भी गलत ही साबित होता है....बस इसी आधार पे इक छोटी सी रचना ....))
तुम क्यूँ चले गये
क्यूँ नहीं लड़े मुझसे
क्यूँ नहीं झगड़े मुझसे
क्यूँ आंसू पी गये सारे
क्यूँ मान ली मेरी बात
क्यूँ मजबूर नहीं किया मुझे
क्यूँ दबाव नहीं डाला मुझपर
क्यूँ मेरे फैसले में साथ दे दिया
क्यूँ चुपचाप सर झुका दिया मेरे आगे
क्यूँ नहीं कहा "साथ हमे रहना है सब को नहीं "
क्यूँ नहीं कहा "जिंदगी सब ने नहीं हमने जीनी है"
क्यूँ नहीं कहा"सबकी ख़ुशी नहीं हमारी ख़ुशी देखो"
क्यूँ नहीं कहा"नहीं हम सब के लिए जुदा नहीं होंगे
क्यूँ ....क्यूँ .....आखिर क्यूँ !
आज देखो सब खुश हैं
बस इक
मेरे तुम्हारे सिवा ............!
chhod de saari duniya kisi ke liye;
ReplyDeleteye munasib naheen admee ke liye .