4.2.11

तू ख्यालों में राह करती है

तू खयालोंमें राह करती है,
मेरे दिल को तबाह करती है ।

दिल तेरी आग में धधकता है ,
पर तू खुशियों की आहें भरती है ।

जब भी जलता है कोई परवाना ,
शम्मा बस वाह-वाह करती है ।

ये मोहब्बत की दास्ताँ कैसी ,
जो दिलो जान पे गुजरती है ।

4 comments:

  1. shamaa ka kam he jalna prwane kyun chale aate he

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  2. kitne parwane jale raj ye paane ke liye,
    shamma jalane ke liye hai ya jalaane ke liye .

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