भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
27.3.11
कविता: रैन जलती....
कविता: रैन जलती....
रैन जलती रही
ख्वाब पलती रही
आंसूओ के सैलाब से
नैन सिलती रही
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