भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
27.3.11
कविता: वो लम्हे ...
कविता: वो लम्हे ...
वो लम्हे ....
जो साथ गुज़ारे थे
ख्वाब सजाये थे
नींद उडायी थी
याद तो है न!
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