अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
1.3.11
c.m. ka daura
सी.एम्.जब प्रदेश की करने निकली सैर ; अधिकारी थे खौफ में ,मांगे रब से खैर ; पर जनता को मिल गयी मुंह मांगी सौगात ; बिजली दर्शन दे रही ,सारे दिन और रात . शिखा कौशिक http://netajikyakahtehain.blogspot.com/
kya bat hai shikha ji man ki bat khol kar rakh dee.
ReplyDeletelekin ussi din jab bahen ji aati hai
ReplyDeleteकेवल एक दिन की चांदनी...
ReplyDeleteदुआ करते हैँ कि वे रोज आयें ।
ReplyDeleterastogi.jagranjunction.com
hakikat hai
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