नेता जी की परेशानी
कभी नेता जी कहकर जो सिर पर बिठाते थे ,
बड़ा सम्मान देकर अपने घर बुलाते थे ,
चरण छूते थे और जान भी लुटाते थे ,
वही जनता हमें अब आँख क्यों दिखाती है ?
मेरी रैली में देखों भीड़ घटती जाती है .
[शायद अन्ना का करा धरा है सब ]
शिखा कौशिक
गागर में सागर भर दिया है आपने
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