भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
29.4.11
कुंवर प्रीतम का मुक्तक
अजब ये देश का अपने हुवा ये हाल है यारों
सियासत ने तबीयत से किया बेहाल है यारों
जिसे मौका मिला, उसने दिया सबको दगा जमकर
हड़पकर माल वतन को कर दिया कंगाल है यारों
कुंवर प्रीतम
२९.०४.२०११
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