26.6.11

इस कदर देखो

देखना हो तो इस कदर देखो ,


जैसे हो तुम भी हमसफ़र देखो ।


इससे पहले कि निगाहों में शाम हो जाए ,


पास हो अपने कोई घर देखो ।


साथ इक ख्वाब की कश्ती लेकर ,


आज यादों का समंदर देखो ।

3 comments:

  1. साथ इक ख्वाब की कश्ती लेकर ,


    आज यादों का समंदर देखो ।
    bahut sundar bhavabhivyakti .

    ReplyDelete
  2. dhanyawaad! shaliniji aur shikhaji .

    ReplyDelete