14.7.11

बम ने फटने से पहले, एक लफ्ज़ तक पूछा नही.....

वन्दे मातरम बंधुओं,

खतना तेरा हो गया, या बिन खतने का है तू आदमी,
बम ने फटने से पहले, एक लफ्ज़ तक पूछा नही...........

राम तेरा बाप है, या रहीम की औलाद तू ,
बम रखने वालों ने एक पल को भी सोचा नही........

खून आलूदा हैं सड़के, तन में मन में खून भरा,                                      
मौत जब झपटी तो उसने, हिन्दू मुसलमां देखा नही.........

उजड़े घरों में गूंजते, फातिमा की चीख सीता के नाले,
ये किस जहाँ में आ गया, ये स्वप्न तो मेरा नही.............

फिर सीना लहू लुहान हुआ, फिर पीठ में खंजर घोंप दिया,
26 /11 का जख्म तो अब तलक भरा नही ..........

8 comments:

  1. sunder ,bahut sunder tariqe se veebhats ghtna ka jikr kiya hai aapne

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  2. sunder ,bahut sunder tariqe se veebhats ghtna ka jikr kiya hai aapne

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  3. bahut sahi.....
    badhai ek sachhi vyatha pe

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  4. क्या खूब लिखा है आपने

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  5. आक्रोश और दुःख के सिवा
    जो बचा है वो हौसला |
    राजनेताओं ने एक बार
    अपनी टिप्पणियों से फिर छला ||

    हर-हर बम-बम
    बम-बम धम-धम |

    थम-थम, गम-गम,
    हम-हम, नम-नम|

    शठ-शम शठ-शम
    व्यर्थम - व्यर्थम |

    दम-ख़म, बम-बम,
    तम-कम, हर-दम |

    समदन सम-सम,
    समरथ सब हम | समदन = युद्ध

    अनरथ कर कम
    चट-पट भर दम |

    भकभक जल यम
    मरदन मरहम ||
    राहुल उवाच : कई देशों में तो, बम विस्फोट दिनचर्या में शामिल है |

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  6. bahut hi accha
    aap bhi padhe
    http://meriparwaz.blogspot.com/

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  7. वन्दे मातरम रोशी जी, भाई मनीष जी, भाई दीपक जी, भाई रविकर जी,
    आप सभी का धन्यवाद, आपने मेरे लिखे पर टिप्पणी की ........
    सच ये है की इस वोट बेंक के चक्कर ने देश का बेडा गर्क कर दिया है..........

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  8. kisse agya leta bomb? kash ki koi mantralaya esa b hota jo esi agya deta... fir hamri dinchrya me hota - itne bonmb agya lekar fate . aur ite log agya lekar visphot men mare

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