अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
कुछ और पंक्तियां हैं, पढ़ने के लिए देखें- http://mydunali.blogspot.com/2011/07/blog-post_10.html
धन्यवाद आनंद पांडेय जी. बहुत-बहुत धन्यवाद.
धन्यवाद आनंद पांडेय जी. बहुत-बहुत धन्यवाद.
ReplyDelete