31.8.11

हमारे घर मे कुछ होता है तो हमे पेंटागन बताता है


हमारे घर मे कुछ होता है तो हमे पेंटागन बताता है कि
आपके बार्डर पे परमाणु शक्ति संपन्न मिसाईल तैनात कर दी है
अडंमान के पास जासूसी जहाज तैनात कर दिये है पर हमारा जासूसी
तंत्र कंहा सोया था क्या सभी जांच एजेंसिया सो रही थी ये हमारे
देश का दुर्भाग्य है कि सभी लोग सो रहे है नेता अपनी ढपली अपनी राग
किसी को देश की चिंता नही क्या जनता इस बात के लिये भी आन्दोलन
करेगी की सरकार चलाने वालों तुम्हारा पहला कर्तव्य देश की हिफाजत करना
है पर न जाने क्यों सरकार देश की आन्तरिक और वाह्य मामलों
में लापरवाही बरत रही है चलो भाई गणपति भगवान से पार्थना करते हैं
कि नेताऔं को सद्बुद्धी प्रदान करें........

सिंगापुर और कुछ देशों की भ्रष्टाचार से लड़ाई कैसे लड़ी .

प्रिय ब्लोगी मित्रों , 


मुझे पता है आप सब भ्रष्टाचार के प्रति चिंतित हैं . जब मनमोहन चिंतित हैं तो समझो सारा देश चिंतित है .  


हम बड़ी बड़ी दिमागी कुलाचे भर रहे हैं.  पर जो व्यक्ति अंग्रेजी जानते हैं, उन्हें ये लेख जरूर पर्हना चाहिए , 


यह वर्ल्ड बैंक की और से लिखा गया है .  


पूरा लेख लिंक पर उपलब्ध है 

how singapore and other countries fight corruption :

this is a wonderful ,concise report about the corruption ending case study of some countries, including singapore. 
   


this is a fantastic report : 

Anti-Corruption Commissions: Panacea or Real Medicine to Fight Corruption? 
John R. Heilbrunn 
2004. 21 pages. Stock No. 37234


                 link : 
http://siteresources.worldbank.org/WBI/Resources/wbi37234Heilbrunn.pdf


\Contents 
Introduction     1 
Hong Kong’s ICAC: The Universal Model     3
Singapore’s CPIB: the Investigative Model     5
The New South Wales ICAC: the Parliamentary Model     7
The United States Office of Government Ethics: the Multi-Agency Model     9
Other Experiences     10
Unraveling the Puzzle     13
Conclusion     14
Endnotes     16


worthful notings : 


Conclusion 

Anti-corruption agencies are part of a number of strategies that together can reduce venality in a 
government. Some of these strategies are absolutely crucial, including 
first the independence of a commission. 


Second, commissions need a clear reporting hierarchy that comprises executive 
officials, parliamentary authorities, and oversight committees. 


Third, governments must have a commitment to enact reforms that may be politically difficult. How a government is able to enact 
these strategies requires negotiations among key actors in the government, civil society, and the 
media. 

Second, a commission must be independent from interference by the political leadership.


 In some circumstances, a commission linked to the executive branch is used to settle old scores with 
political rivals. When the agency is linked only to the Parliament, then the security agencies have 
a disincentive to include parliamentary committees in their investigations. A competitive 
relationship may evolve among parliamentarians and national crime investigators. The anticorruption commission thereby loses credibility as nothing more than a tool of the parliament.
  
Third, a clear reporting hierarchy may seem elementary, but it is not a straightforward arranagement. An optimal a hierarchy might be reports delivered to the director of the 
organization, \

   

news to be published

राजस्थान श्रमजीवी पत्रकार संघ के द्वारा लगभग हमेशा से ही अपनी प्रदेश स्तरीय कार्यशालाएं जयपुर जैसे बड़े शहर में ही हुआ है.साल दो हज़ार पांच से पहले एक और बाद में एक बार चित्तौड़ में ये आयोजन हो चुका है.औरतीसरी  बार फिर मेवाड मीडिया वेलफेयर युनियन के सहयोग से चित्तौडगढ में 4 सितम्बर , रविवार को आयोजित राजस्थान प्रदेश मीडिया कार्यशाला में दिल्ली से वरिष्ठ पत्रकार यशवंत सिंह , अतुल अग्रवाल और जयपुर से वरिष्ठ पत्रकार राजस्थान श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेष अध्यक्ष ईशमधु तलवार  जैसे जानकार मीडियाकर्मी भाग लेंगें । 

प्रदेश मीडिया कार्यशाला हेतू उदयपुर की पत्रकार, मेवाड़ पत्रकार संघ की महासचिव शकुन्तला सरूपरिया को कार्यक्रम सहसंयोजक नियुक्त किया गया है। कार्यक्रम संयोजक अनिल सक्सेना ने बताया कि चित्तौडगढ में भीलवाडा रोड पर स्थित होटल पदमिनी में सुबह साढे दस बजे आयोजित प्रदेश मीडिया कार्यशाला में वर्तमान परिप्रेक्ष  में मीडिया की सार्थक भूमिका पर चर्चा की जाएगी । उन्होने बताया कि उदयपुर संभाग से पत्रकारशकुन्तला सरूपरिया , जोधपुर संभाग से पत्रकार अरूण हर्ष , दिलीप सिंह , अजमेर संभाग से वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र गुंजल  , कोटा संभाग से पत्रकार ज्योति पाठक , बीकानेर से पत्रकार हरिओम गर्ग आदि के साथ प्रदेश के जिला और  उपखंड स्तर से कई पत्रकार मीडिया कार्यशाला में भाग लेंगें । इस मीडिया कार्यशाला में चित्तौडगढ मुख्यालय पर कई दशकों से पत्रकारिता कर रहें वरिष्ठ पत्रकारों का सम्मान भी किया जाएगा ।
 
आदर सहित,
माणिक 
 
''अपनी माटी'' सम्पादन मंडल 
डी-39,पानी की टंकी के पास,
कुम्भा नगर,चितौडगढ़ (राजस्थान)-312001
Cell:-09460711896,

जनमानस की त्रासदी।


जनमानस की त्रासदी।
दिनांक- 31/8/2011
अन्ना का अनशन खत्म हुआ उनकी तिनो प्रमुख मांगो पर संसद मे आखिर कार सहमती बन ही गई। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके इस आंदोलन मे हमारे समाज के प्रत्येक जाति धर्म के लोगों ने बड़-चढ़ के हिस्सा लिया, हालांकि उनके अनशन करने के तराके से लेकर विधेयक के कुछ प्रावधानो से समाज कुछ एक लोग अवश्य़ सहमत नही थे। लेकिन यह कोई जरुरी नही है कि समाज मे उत्पन्न होने वाले प्रत्येक तरह की बातो पर सभी एक मत हो जैसे कि एक राज्य के राज्य के सभी लोग राजा से खुश हो या सभी के हित मे उनके निर्णय हो ऐसा कदापि नही है, लेकिन जिन बातों से साधारणतहः बहु संख्या मे लोग जिस बात से सहमत हो या लोगों का फायदा हो रहा हो उसे सर्व नान्य मान लिया जाता है चाहे ऐसे लोगों का समाजिक स्तर से लेकर किसी भी वर्ग के हो। लेकिन इस बात को सिसी भी एक कौम, जाति या वर्ग से जोड़ने का कोई औचित ही नही बनता है लेकिन इसे समाज किसी भी एक जाति, धर्म या वर्गो से जोड़ने का अर्थ सिर्फ मुद्दे का राजनीतिकरण या व्यक्ति विशेष के निहित स्वार्थ से ही जुड़े हुए होने के कारण समाज मे स्थापित कोई भी नियम कानून के फयदे कोई भी जात-पात उँच-निच गरीब-अमिर नही देखती है नियम या कानून मे समाज के सभी लोगों का बराबरी का दर्जा एवं एक समान लागू होता है। जहाँ तक प्रश्न है अन्ना के टिम मे व्यक्ति विशेष वर्ग, जाति, समुदाय के लोगों को अपने इस आंदोलन मे शामिल होने के लिए न मना किया और नही बोला गया यह तो जुड़ने वाले व्यक्ति के उपर निर्भर करता है कि बह इस आंदोलन के मुद्दों से सहमत हो या न हो यह किसी के लिए बाध्यकरी नही था। रह गई बात टिम मे पद या शामिल होने और  करने कि यहाँ यह प्रश्न उठना लाजमि है जब व्यक्ति विशेष या कौम जब अन्ना के आंदोलन करने के तौर तरिके से लेकर विधेयक के प्रावधानो से ही सहमत नही थे ते उनके शामिल होने या न होने का प्रश्न ही नही उठता है जैसा कि उन्होने बाद मे जारी अपने वक्तव्य से घोषणा भी किया। तो उनके शामिल होने या न होने पर किसी व्यक्ति विशेष पर दोषारोपण करना कहाँ तक उचित है यह बात बही लोग जाने लेकिन इस आंदोलन से न जुड़ कर उन्होने खुद अपने आप को और लोगों को समाज के मुख्य धार से काटने और अलगाव को प्रार्थमिक्ता दे कर सरासर इस मुद्दे पर राजनीति करने की या अपने आप को उजागर करने जैसी ओछी हरकतो को अंजाम देने मे लगे रहे। जहां तक अन्ना हजारे के इस आंदोलन के आयोजन पर भी लोगों का मत अलग-अलग है कुछ एक लोगों को कहते सुनते देखा गया कि आदोलन मे कई एक देशी विदेशी NGO का पैसा लगा। जिस पर एक आध समाचार भी प्रकाश मे जरुर आए लेकिन मीडिया मे इस बात पर तूल नही पकड़ा जिसके परिणाम स्वरुप देश मे ज्यादा हो हल्ला नही मच पाया। खैर अगर विदेशों के NGO से भारत मे फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने और इसके लिए आंदोलन को सहयोग मे यह धन दिया या लिया गया तो वास्तव मे यह हमारे लिए एक शर्म की बात हैँ कि जिस देश के लोगों का अरबों-खरबों रुपए काले धन के रुप मे विदेशी बैंको मे जमा हो उस देश को देश के उत्थान और सामाजिक क्रियाकलापों को अंजाम देने के लिए विदेशी शासन सत्ता और लोगों के सामने अपना हाथ फैलाते हैँ। जरा सोचिए जिसके घर मे धन गड़ा हो वह व्यक्ति फटे कपड़ो मे सुखी रोटी खा कर अपना दिन गुजारने के लिए मजबूर हो इस दुनिया मे उससे बड़ा दुर्भाग्यशाली और कौन हो सकता है ?                 

हमारा नया मंत्रिमंडल , जिसको आपत्ति है वह १५ मिनट में आपति पेश करे,


देश का राष्ट्रपति अन्ना हजारे , और प्रधान मंत्री अरविन्द केजरीवाल , बाकी सब मंत्री

यह मेरी मांग है,


और कुछ दिन में यहाँ देश की मांग होगी, चाहे अन्ना मना ही करें .


 


देश का नया मंत्री मंडल के कुछ सदस्य राष्ट्रपिता के साथ .


   
देखो भाइयो , मंत्रिमंडल के साथ जैचंद , साधू के भेष में रावण , फोन का बादशाह 

 
देखें भाइयो इन में से कौन अंदर रहेगा कौन बहार 
जेलों में vip cell बनाये जायेंगे, 

विदेशों से पैसा वापिस लाने वालों को १०% रखने की छूट .

जिन burocrat का तनख्वाह में काम नहीं चलता , उन्हें नोकरी छोडनी होगी ,

जो तनख्वाह में काम चला सकते हैं, केवल वही सरकारी नोकरी कर सकेंगे, 

जय हिंद 

अब आ भी जाओ ,


आ अब लोट चलें , बाहें बिछाये तुझको पुकारे देश तेरा,

A delegation from Indian Congress Party USA at the Memorial Sloan-Kettering Cancer Center in New York on Saturday. Believing that Congress president Sonia Gandhi had undergone surgery there, they wished her a speedy recovery.

A delegation from Indian Congress Party USA at the Memorial Sloan-Kettering Cancer Center in New York on Saturday. Believing that Congress president Sonia Gandhi had undergone surgery there, they wished her a speedy recovery.

     

    

कांग्रेस की चाबी और देश की भाभी ,
अब आ भी जाओ सकुशलआपको बहुत मिस किया देश के सभी चैनेलों ने.

आप नहीं थीं तो उस बुड्ढे ने तो कब्ज़ा ही कर लिया था सारे चैनलों पर , और मजबूरी में , हम भी देख देख कर बोर हो गए थे .

और इस ठाकुर की फोज ने तो केस बिगाड़ ही दिया था , अगर बीमारी में भी आपने न संभाला होता.

आखिर हमारी व् देश के बच्चे बच्चे की प्रार्थना रंग लायी , और आप की इंतज़ार में आँखे पथराई .

बस अब बहुत हो गया.



और ये कृतघ्न देश , राजीव गाँधी के हत्यारों को फांसी भी नहीं देना चाहता . 

आपने इस देश को अपनाया , वर्ना हमारा , कांग्रेस का , और इस देश का क्या होता ! 

सोच कर भी डर लगता है , राहुल बाबा की शादी भी नहीं हुई , कम से कम शादी ब्याह करके, पोते पोती का मुहं देख लो , 

एक बार ताजपोशी देख लो , फिर चाहे जहाँ रहना , बस इस अबोध जनता पर अपना वरद हस्त रखना . 

      

इस ब्लॉग पर एक टिपण्णी आई , और मैंने उस पर भी भड़ास निकाल दी . देखिये आपका मनोरंजान होगा : 


Blogger शालिनी कौशिक said...

ye to ek chalan ban gaya hai blog jagat me sonia ,rahul ki ninda .isliye koi vishesh bat nahi.aalekh achchha hai.
31/8/11 11:43 PM


Blogger I and god said...

आदरणीय कौशिक जी ,

खिसियाई जनता निंदा के अलावा कर भी क्या सकती है .

पर इस लेख में तो निंदा नहीं है, चापलूसी को निंदा कैसे कह सकते हैं.

लेख की प्रशंशा के लिए धन्यवाद,

मेरा उद्देश्य तो भड़ास निकलना ही है , वरन इन लेखों से क्या बनना बिगाडना है .

न नेताओं का , न जनता का, दोनों ही नंगे हैं.

फिर भी धन्यवाद .

अशोक गुप्ता
1/9/11 12:45 AM

१ सितम्बर , गणेश पूजा विघ्न विनाशक , बुद्धि दाता के जन्मदिन की बधाइयाँ


आइये गणेश चतुर्थी (the birthday of shree ganesh jee) मनाएं १ सितम्बर

ओम श्री गणेशाय नमः 
१ सितम्बर 


        



वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्‍नं कुरू में देव सर्व कार्येषु सर्वदा ।।

विध्‍नहर्ता, मंगलकर्ता भगवान गणेश आप सभी के साथ हमारे घर भी विराज चुके हैं, जब गणपति जी घर आयें हैं तो आइये जानते हैं इनके बारें में यूं तो इनके अनेक नाम हैं, परन्‍तु यह 12 नाम जो कि प्रमुख हैं 

!! एकदन्‍त !! !! सुमुख !! !! कपिल !! !! गजकर्णक !! !! लम्‍बोदर !!!! विकट !!
!! विनायक !! !! धूम्रकेतू !! !! गणाध्‍यक्ष !! !! भालचन्‍द्र !! !! विध्‍न-नाश !! !! गजानन !!





   
पिता  भगवान शिव
माता  भगवती पार्वती
भाई  श्री कार्तिकेय
बहन  मॉं संतोषी
पुत्र  दो (1) शुभ (2) लाभ
पत्‍नी  दो (1) रिद्धि (2) सिद्धि
प्रिय भोग  मोदक
प्रिय पुष्‍प  लाल रंग के (विशेष) गुड़हल
प्रिय वस्‍तु  दुर्वा (दूब)
वाहन  मूषक
आप सभी को गणेश उत्‍सव की हार्दिक शुभकामनाएं 
       


  
लाल बाग में सितारों की उमड़ी भीड़