धनंजय कहिन: लन्दन की आग:
इस मामले में चीन के एक अखबार ग्लोबल टाईम्स में एक लेख पढ़ा जिसमें लिखा गया है की अगर कहीं और ये घटना होती तो बड़े आराम से पाश्चात्य मीडिया 'क्रायिसेंथिमम रिवोल्युसन' जैसा प्यारा सा नाम दे कर लग जाती आततायियों के महिमामंडन में,भले ही हम इस चीनी व्याख्या से सहमत न हों पर लन्दन का जलना कोई छोटी घटना नहीं है
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