अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
8.8.11
ख्वामखा मुझको सताए जा रहे,कोई बात है ?
दोस्ती काहे जताए जा रहे,कोई बात है ?
इसकी-उसकी क्यों बताए जा रहे,कोई बात है ?
कह दिया मुझको किसी से भी न कोई अब गिला,
ख्वामखा मुझको सताए जा रहे,कोई बात है ?
कुंवर प्रीतम
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