29.9.11

पूजा परिक्रमा : उलट कर देखो की थीम पर पाथुरियाघाट की दुर्गापूजा

शंकर जालान



कोलकाता। उलट कर देखो बदल गया कि थीम पर इस बार उत्तर कोलकाता
में पाथुरियाघाट पांचेरपल्ली सार्वजनीन दुर्गोत्सव समिति ने पूजा आयोजित
करने का मन बनाया है। समिति के सदस्यों का कहना है कि लगभग सभी पूजा
कमिटियां दर्शकों से यह अनुरोध करती है कि पंडाल में लगे सजावटी सामग्री
को हाथ न लगाए और पंडाल में कई स्थानों पर डोंट टच का बोर्ड लगा रहता है,
लेकिन हमारी समिति इसे विपरीच काम कर रही है। समिति के मुताबिक उनके
पंडाल में आए लोग देखने के साथ-साथ पंडाल को छू कर देख भी सकते हैं।
समिति के एक सदस्य तपन मुखर्जी ने बताया कि पंडाल के आस-पास सैकड़ों की
संख्या में ऐसी फ्रेम लगी होगी, जिसे दर्शक न केवल छू सकते हैं, बल्कि
उटल भी सकते हैं। मजे की बात यह है कि फ्रेम के उटलते ही उसका रंग और
आकृति बदल जाएगी। उन्होंने बताया कि सोमनाथ मुखर्जी के परिकल्पना को
साकार करने में डेकोरेटर के कारगीर, मूर्तिकार और बिजली सज्जा वाले
तन्मयता से लगे हैं।
उन्होंने बताया कि बीते 72 सालों से यहां पूजा आयोजित होती आ रही है,
लेकिन बीते दस-बारह सालों में पाथुरियाघाट पांचेरपल्ली की पूजा ने जो
ख्याति अर्जित की उसके बलबूते यह पूजा महानगर की गिनी-चुनी पूजा में
शुमार हो गई।
उन्होंने बताया कि बीते साल यानी 2010 में दक्षिण भारतीय संगीत की थीम पर
पूजा आयोजित की गई थी। इससे पहले 2009 में सुतानटी केंद्रित पंडाल, 2008
में माचिस की डिब्बी व तिल्ली का पंडाल काफी चर्चित हुआ था। वहीं,
मिट््टी, रस्सी, चावल-दाल, पाट, पुराने अखबार, पुराने कार्टुन, पत्थर के
टुकड़े और गमछों से बना पंडाल को देखने भी भारी संख्या में दर्शक
पाथुरियाघाट पहुंचे थे।
एक अन्य सदस्य ने बताया कि समिति को एशियन पेंट, श्रीलेदर, प्रतिदिन,
एमपी बिड़ला, स्टेट्समैन, कोलकाता पुलिस, रोटरी क्लब, ईटीवी समेत कई
संगठनों की ओर से बेहतर पंडाल और प्रतिमा के लिए सम्मानित किया जा चुका
है। उन्होंने इस बार की थीम के बारे में बताया कि पंडाल दर्शनीय होगा और
इसी से मेल खाती प्रतिमा व बिजली सज्जा होगी। उन्होंने बताया कि पंडाल और
प्रतिमा को हम साल-दर-साल बेहतर बनाने की कोशिश में जुटे रहते हैं, लेकिन
स्थानाभाव के कारण हमारे पास बिजली सज्जा के लिए अधिक संभावनाएं नहीं है।
उन्होंने बताया को सोमा इलेक्ट्रिक के कारीगर बिजली सज्जा को इंद्रधनुषी
बनाने में जुटे हैं।
उन्होंने बताया कि साढ़े सात लाख के बजट वाले पाथुरियाघाट के पूजा पंडाल
का उद्घाटन 30 सितंबर को कई जानेमाने लोगों की मौजूदगी में होगा और सात
अक्तूबर को प्रतिमा को विसर्जित किया जाएगा।
छोटे बजट की बड़ी पूजा : हावड़ा जिले के शिवपुर इलाके में आयोजित होने वाली
रामकृष्णपुर पल्ली एथलीट क्लब के दुर्गापूजा छोटे बजट की बड़ी पूजा के रूप
में जानी जाती है। बीते 12 सालों से यहां पूजा आयोजित हो रही है। पांच
दिवसीय दुर्गोत्सव के दौरान पूजा पंडाल में विविध प्रकार के धार्मिक व
सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। क्लब और ओर से अध्यक्ष
धर्मपाल निगानिया और कार्यकारी अध्यक्ष रमेश मुरारका ने बताया कि गोपी
डेकोरेटर को पंडाल, कार्तिक पाल को प्रतिमा और अनवर इलेक्ट्रिक को बिजली
सज्जा की जिम्मेवारी दी गई है। आयोजकों के मुताबिक दो अक्तूबर को पूजा
पंडाल का उद्घाटन और छह अक्तूबर को प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।

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