29.9.11

जो मैंने की इबादत डूबकर उनकी तो हंगामा

अतुल कुशवाह-
मैं पाता हूँ तो हंगामा, मैं खोता हूँ तो हंगामा, 
किसी की वेबफाई में मैं रोता हूँ तो हंगामा

मैं आता हूँ तो हंगामा, मैं जाता हूँ तो हंगामा,
किसी को देख एक पल मुस्कुराता हूँ तो हंगामा.
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यही तो एक दुनिया है, ख़्यालों की या ख़्वाबों की, 
मोहब्बत में उन्हें पाने कि कोशिश की तो हंगामा

सभी तालीम देते थे मोहब्बत ही इबादत है, 
जो मैंने की इबादत डूबकर उनकी तो हंगामा.
                                                       

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