3.9.11

कितनी सच्चाई कितना झूठ

* - कोई मुझे अपने साथ एक दिन एक रात रहने दे तो मैं खोल कर रख दूं कि उसकी ईमानदारी और नैतिकता में कितनी सच्चाई है और कितना झूठ ! बशर्ते वह यह न जिद करे ,अन्ना की तरह , कि जो वह कर या कह रहा है ,वही नैतिकता है , वही उचित है ।

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