31.10.11

फॉर्मूला वन रेस .......पैसे का तमाशा


फॉर्मूला वन रेस .......पैसे का तमाशा 


             
 १० अरब डॉलर .......एक छोटी सी रकम ..... स्वाहा ...फॉर्मूला  वन रेस के लिए  .......!!!

हमारे राष्ट्रिय खेल के लिए खिलाड़ियों के जूते का जुगाड़!,,,,,, नहीं कर सकते!! ......फिर भी जीत के आ
गये! ताज्जुब है!! .....मगर जीत के जश्न को पैसे नहीं है! ,........पैसे का धुँआ तो फॉर्मूला के लिए किया है .

एथलीट नहीं है! .....करना भी क्या है !!गाडी दोड़ा दो,नाम हो जाएगा .

सैकड़ो बच्चे अस्पतालों में दम तौड़ रहे हैं !ये ऊपर वाले की मर्जी पर छोड़ दे ,जिन्दगी की डोर तो खुदा के हाथ
में है मगर ट्रेक पर दौड़ती रेसिंग गाडियों की डोर तो हम अपने हाथ में रख सकते हैं .माया का मायावी संसार
लीला भी गजब की है! और रेस भी गजब की है!!

भूख और कुपोषण लाइलाज हो चुके हैं ,लड़ते-लड़ते थक चुके हैं ,कुछ मनोरंजन हो जाए ताकि दर्द को भुलाया
जा सके .भूख और गरीबी पर लच्छेदार भाषण रेस देखकर दे देंगे!!

क्या !! गरीब और गरीब हो गया ,कोई परवाह नहीं !!!ये तो हर दिन का रोना है .थोडा सुस्ता ले और फॉर्मूला
देख ले.गरीब का करम ही फूटा हुआ है ,अब पेबंद कैसे लगाये!!

स्कुल नहीं है!........अध्यापक नहीं है!! .......बच्चे पढ़ नहीं पाएंगे!!! ........कोई चिंता नहीं है .इन सबको
मनरेगा में काम दे देंगे मगर रेस का बढ़िया आयोजन  हो जाए.नाम हो जाए!!

पीने का साफ मीठा जल भी नहीं है! .....गन्दा पिला दो!! कुछ लुढ़क गये तो क्या फर्क पड़ना १२१ करोड़ हैं
मगर फॉर्मूला रेस का सफल आयोजन ,पानी से ज्यादा मायने रखता है!!!

राम भरोसे प्रजा को छोड़ दो .सबका मालिक है वो ,ठीक ही करेगा .हमें तो वाहवाही लुटने दो कार रेस की .    

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