6.12.11

मोबाईल मियां क़ा जलवा.


मोबाईल मियां क़ा जलवा




मोबाईल मियां पूरे चार्ज होकर ;सिल्क क़ा कुरता पायजामा पहन; पान चबाते हुए ,''जट -यमला-पगला -दीवाना ' की धुन पर झूमते हुए मेरे घर के सामने से निकले ही जा रहे थे कि मैंने उनको आवाज लगा दी --'मियां मोबाईल कैसे मिजाज हैं ?' तुरंत मुंह से पीक थूकते हुए बोले --''हमारे मिजाज क्या पूछते हो !हम तो हैं ही तंदुरुस्त .किसकी मजाल जो हमारे आगे बिना सिर झुकाए निकाल जाये ?हम तो कहते हैं जनाब जरा सी.बी.आई. जाँच करवा लो हर किसी की जेब में हम न हो तो हमारा नाम मोबाईल नहीं !हर घर,दफ्तर,कॉलेज ,सड़क --सब जगह हमारा ही जलवा है .कल तो मजा आ गया -पूछो क्यों ?....हमारे ही कारण एक शागिर्द ने अपने उस्ताद को धुन डाला .इसे कहते है असली मोहब्बत .सुबह;दोपहर;शाम .....और रात तक में मुझे साथ रखते हैं यानि पूजा के समय भगवान क़ा,भोजन के समय मनोरंजन क़ा शाम के समय प्रेमिका और रात के समय दिल के सबसे करीब क़ा फर्ज निभा रहा हूँ मैं .जनाब बड़े से बड़ा मंत्री हो या किसी दफ्तर क़ा चपरासी --सबके कान पर बस मैं ही मैं !मैं मेल हूँ या ....फीमेल ----इसकी खोज तो तुम ही करते रहो .............अब और सुनो -कितनी ही लड़कियां मुझ पर आई मिस कॉल से ही प्रेम रोगी हो गयी और इलाज के लिए प्रेमी के साथ घर-बार छोड़ कर फरार हो गयी .सुना है ...पंचायतें लड़कियों के साथ मेरी बढती घनिष्ठता  पर आँखे तरेर रही है ........पर जनाब कौन डरता है ?पंचायत के दौरान पञ्च-परमेश्वर की जेब में पड़ा मैं तो ठहाका लगाकर हँसता रहता हूँ .''''' मैंने मोबाईल मिया को समझाते हुए कहा ''मियां इतना इतराना अच्छा नहीं ...कहीं किसी दिन कोई उठाकर न पटक दे आपको .''' मोबाईल मियां मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए बोले '''मेरी फ़िक्र छोड़ो जनाब ....तुम्हरी जेब में मैं पड़ा बज रहा हूँ ....जरा देखो तो कौन है ?'' मैंने अपनी जेब से मोबाईल निकाला इतने में ही मोबाईल मियां मटकते हुए आगे खिसक लिए .


मोबाइल मियां का जलवा अब इस गीत में भी सुन लीजिये -


           

ये काम न करना था पर मैंने कर लिया 
यारों ने जिद किया था मोबाइल ले लिया .

वे बोले तू कंजूस है ;टच में नहीं रहता 
यारों के ऐसे ताने कैसे मैं सह लेता ?
ले  आया एक सैट  उसमे सिम भी डलवाया 

खुश होकर दोस्तों को नंबर भी बतलाया 
फिर घंटी दे देकर मुझको परेशान कर दिया .
यारों  ने जिद करी ....

रिंगटोन पर हुआ था घर में बड़ा झगडा 
बच्चों की पसंद थी इसमें पॉप और भंगड़ा ;
मैं बोला इसमें मन्त्र या चौपाई बजेगी 
पर लग गया था मुझको झटका बड़ा तगड़ा 
वाइफ ने उनके पक्ष में मतदान कर दिया 
यारों ने जिद करी थी .....
बेटा मैसेज करता रहता ; बेटी करती है चैट 
वाइफ के बात करने का टाइम है इस पर सैट 
ये बन गया है मेरा अब  दुश्मन नंबर -१
ये बजता  है तो लगता जैसे हो फटा बम 
मेहनत की कमाई को मिनटों  में पी गया 
यारों ने जिद ............
                                              शिखा  कौशिक  
[sabhi photo ''fotosearch.com'' se sabhar ]

3 comments:

  1. आपका पोस्ट मन को प्रभावित करने में सार्थक रहा । बहुत अच्छी प्रस्तुति । मेर नए पोस्ट 'विद्यानिवास मिश्र' पर आकर मेरा मनोबल बढ़ाएं । धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  2. atulneey adhbhut mobile ka varnan, dhanyawad

    ReplyDelete
  3. thanks premsarovar ji & mirchi namak ji

    ReplyDelete