भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
31.12.11
नसीम साकेती की रचनाएँ साखी पर
नफ़रत के अंधेरों को मिटा लूं तो चलूँ...........
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