केजरीवाल ! चुप भी करो भाई.....क्योंकि यह सच्चाई नग्न है !!
संविधान ने भारत के हर नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी दी यह सही है मगर आम नागरिक
यदि चुने हुए नेता के खिलाफ कडवा सत्य बोलता है और उनकी पाप की गठरी को बीच सड़क पर
खुला करता है तो उसके विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का मामला ठोक-पीट कर बनाना ही चाहिये .
आप कडवा सच कहने के अपराधी हैं केजरीवाल सा'ब ! आप जानते हैं की चुनाव जीतना भारत में
बाहुबलियों के लिए कठिन काम नहीं है .इस देश में वोट झूठे वादों के नाम पर ,संविधान के विरुद्ध
नया कानून बनाने की बात कह कर ,अल्पसंख्यको की कुहनी पर गु ड़ लगाकर,विकास की परछाई
दिखा कर ,बूथ केप्चर करके,बाहुबल पर भी चुनाव जीता जाता है और ये आपराधिक प्रवृति के लोग
जनता द्वारा चुनकर आये हैं ,चुने हुए लोगों के पास खुद की ताकत और बहुमत पर नाचते शक्तिशाली
झूठ की भी ताकत है और आप तो कमल से कोमल हैं, अरविन्द हैं ,आपके मुंह से कडवी सच्ची बातें
अच्छी नहीं लगती है और सा'ब ये सतयुग भी नहीं है .इस युग में झूठ बोलना पुण्य हो गया है .अगर
आपने थोड़ी चमचागिरी सीख ली होती तो आप भी संसद के अन्दर होते मगर अफसोस... !
आपकी जबान प्रेक्टिकल नहीं है .अरे.. !क्या जरुरत है ढोल पीट पीट कर सच बोलने की .अन्दर ही
अन्दर नस पकड़ कर मरोड़ते तो आप रुआब से रहते मगर ये सच बोलने वाली जबान का क्या किया
जाए ...संसद के अन्दर बैठकर "काम" की ब्लू फ़िल्म देखने पर भी आपको एतराज है ...संसद में
बैठकर विधेयक की प्रतियां फाड़ने पर भी आपको एतराज है ...संसद के माइक और कुर्सियां तोड़ने
पर भी आपको एतराज है .आखिर आपका चिंतन ही कहीं नेगेटिव तो नहीं हो गया है .ये चुने हुए लोग
हैं इनकी अपनी भी गरिमा है और उसके अनुरूप ये कुछ मनोरंजन कर लेते हैं तो क्या बिगड़ जाता
है करोडो लोगों का .जब भगवान् के मंदिर में औरतों के साथ धक्का मुक्की की जा सकती है तो फिर
संसद के मंदिर में शांति से बैठकर मस्त कैबरे डांस क्यों नहीं देखा जा सकता .आप किस युग के
प्राणी हैं ?अरे सा'ब ,युग परिवर्तन का समय है ,कुछ जोड़ तोड़ को समझो ,झूठ बोलना एक आर्ट है
इस कला से और मक्खन लगाने से आप भी बड़े ओहदे पर जा सकते थे मगर आप ठहरे फिस्सडी
जब भी उगलते हैं सच ही उगलते हैं और कोलावरी फेलाते हैं .
आप नेताओ की नाक में दम कर देते हैं ,क्या जरुरत है सा'ब ये सब करने की .आप और अन्ना
जगे हुए लोगों को जगाना चाहते हैं! हम जबान वाले गूंगे भारतीय हैं ,हम सुई की आवाज को भी
सुनने वाले बहरे हैं .हम सत्य को देख कर आँखे बंद कर लेते हैं .हम सहन करने वाले लोग हैं
हम अत्याचार ,अनाचार ,दुराचार सब सहन कर लेते हैं और जिन्दगी जी लेते हैं मगर आप हैं कि
रुकने का नाम नहीं लेते ....कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ तो कभी कालेधन के खिलाफ कभी अन्याय
के खिलाफ तो कभी लुटरे लोगों के खिलाफ कुछ ना कुछ खुरापात चालु रखते हैं .आप बागी हैं
और बागी लोग इस स्व + तंत्र वाले भारत में मसल कर रख दिए जाते हैं .देखना आपकी ये जबान
आपको विशेषाधिकार हनन में ना फंसा दे या आप पर राष्ट्र द्रोह का मामला ना चलवा दे .
'इस संसद में ऐसे 15 सांसद हैं जिन पर हत्या करने के आरोप हैं, 23 ऐसे सांसद हैं जिन
पर हत्याके प्रयास के आरोप है, 11 सांसदों के खिलाफ धारा 420 के तहत धोखाधड़ी करने
और 13 के विरुद्ध अपहरण के मामले दर्ज हैं.'' ये सब विशेषण हैं सा'ब .विशेष योग्यता रखने वाले
सांसद हैं हमारे .आपको इनकी लिस्ट बनाने की कहाँ जरुरत थी .अरे !सा'ब ये सब तो अब आदरणीय
हैं इनके पदचिन्हों पर चलकर देश की राजधानी के कुछ युवा जेल रूपी सुसराल में पहुँच गए हैं .
हमें संसद और इन सांसदों पर भरोसा होना चाहिए .हम लोकतंत्र में जीते हैं .हमें अपने पूज्य सांसदों
पर गर्व होना चाहिए .इनके कर्म कैसे भी हो हमें चुप बेठना चाहिए .इनका अपमान भारत के संविधान
का अपमान है .इनका चरित्र राष्ट्र के निर्माण में सहायक बनेगा ,देश उन्नति करेगा चाहे दिशा कोई सी
भी हो .इसलिए केजरीवाल सा'ब आप भी पवित्र संसद की गरिमा के लिए अपवित्र सांसदों के कर्मो
पर अंगुली मत उठाईये .
अगर अब भी आप अपनी बात पर डटे रहेंगे तो हम आपको अड़ियल कहेंगे और आपके
अड़ियलपन पर गर्व करेंगें .
संविधान ने भारत के हर नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी दी यह सही है मगर आम नागरिक
यदि चुने हुए नेता के खिलाफ कडवा सत्य बोलता है और उनकी पाप की गठरी को बीच सड़क पर
खुला करता है तो उसके विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का मामला ठोक-पीट कर बनाना ही चाहिये .
आप कडवा सच कहने के अपराधी हैं केजरीवाल सा'ब ! आप जानते हैं की चुनाव जीतना भारत में
बाहुबलियों के लिए कठिन काम नहीं है .इस देश में वोट झूठे वादों के नाम पर ,संविधान के विरुद्ध
नया कानून बनाने की बात कह कर ,अल्पसंख्यको की कुहनी पर गु ड़ लगाकर,विकास की परछाई
दिखा कर ,बूथ केप्चर करके,बाहुबल पर भी चुनाव जीता जाता है और ये आपराधिक प्रवृति के लोग
जनता द्वारा चुनकर आये हैं ,चुने हुए लोगों के पास खुद की ताकत और बहुमत पर नाचते शक्तिशाली
झूठ की भी ताकत है और आप तो कमल से कोमल हैं, अरविन्द हैं ,आपके मुंह से कडवी सच्ची बातें
अच्छी नहीं लगती है और सा'ब ये सतयुग भी नहीं है .इस युग में झूठ बोलना पुण्य हो गया है .अगर
आपने थोड़ी चमचागिरी सीख ली होती तो आप भी संसद के अन्दर होते मगर अफसोस... !
आपकी जबान प्रेक्टिकल नहीं है .अरे.. !क्या जरुरत है ढोल पीट पीट कर सच बोलने की .अन्दर ही
अन्दर नस पकड़ कर मरोड़ते तो आप रुआब से रहते मगर ये सच बोलने वाली जबान का क्या किया
जाए ...संसद के अन्दर बैठकर "काम" की ब्लू फ़िल्म देखने पर भी आपको एतराज है ...संसद में
बैठकर विधेयक की प्रतियां फाड़ने पर भी आपको एतराज है ...संसद के माइक और कुर्सियां तोड़ने
पर भी आपको एतराज है .आखिर आपका चिंतन ही कहीं नेगेटिव तो नहीं हो गया है .ये चुने हुए लोग
हैं इनकी अपनी भी गरिमा है और उसके अनुरूप ये कुछ मनोरंजन कर लेते हैं तो क्या बिगड़ जाता
है करोडो लोगों का .जब भगवान् के मंदिर में औरतों के साथ धक्का मुक्की की जा सकती है तो फिर
संसद के मंदिर में शांति से बैठकर मस्त कैबरे डांस क्यों नहीं देखा जा सकता .आप किस युग के
प्राणी हैं ?अरे सा'ब ,युग परिवर्तन का समय है ,कुछ जोड़ तोड़ को समझो ,झूठ बोलना एक आर्ट है
इस कला से और मक्खन लगाने से आप भी बड़े ओहदे पर जा सकते थे मगर आप ठहरे फिस्सडी
जब भी उगलते हैं सच ही उगलते हैं और कोलावरी फेलाते हैं .
आप नेताओ की नाक में दम कर देते हैं ,क्या जरुरत है सा'ब ये सब करने की .आप और अन्ना
जगे हुए लोगों को जगाना चाहते हैं! हम जबान वाले गूंगे भारतीय हैं ,हम सुई की आवाज को भी
सुनने वाले बहरे हैं .हम सत्य को देख कर आँखे बंद कर लेते हैं .हम सहन करने वाले लोग हैं
हम अत्याचार ,अनाचार ,दुराचार सब सहन कर लेते हैं और जिन्दगी जी लेते हैं मगर आप हैं कि
रुकने का नाम नहीं लेते ....कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ तो कभी कालेधन के खिलाफ कभी अन्याय
के खिलाफ तो कभी लुटरे लोगों के खिलाफ कुछ ना कुछ खुरापात चालु रखते हैं .आप बागी हैं
और बागी लोग इस स्व + तंत्र वाले भारत में मसल कर रख दिए जाते हैं .देखना आपकी ये जबान
आपको विशेषाधिकार हनन में ना फंसा दे या आप पर राष्ट्र द्रोह का मामला ना चलवा दे .
'इस संसद में ऐसे 15 सांसद हैं जिन पर हत्या करने के आरोप हैं, 23 ऐसे सांसद हैं जिन
पर हत्याके प्रयास के आरोप है, 11 सांसदों के खिलाफ धारा 420 के तहत धोखाधड़ी करने
और 13 के विरुद्ध अपहरण के मामले दर्ज हैं.'' ये सब विशेषण हैं सा'ब .विशेष योग्यता रखने वाले
सांसद हैं हमारे .आपको इनकी लिस्ट बनाने की कहाँ जरुरत थी .अरे !सा'ब ये सब तो अब आदरणीय
हैं इनके पदचिन्हों पर चलकर देश की राजधानी के कुछ युवा जेल रूपी सुसराल में पहुँच गए हैं .
हमें संसद और इन सांसदों पर भरोसा होना चाहिए .हम लोकतंत्र में जीते हैं .हमें अपने पूज्य सांसदों
पर गर्व होना चाहिए .इनके कर्म कैसे भी हो हमें चुप बेठना चाहिए .इनका अपमान भारत के संविधान
का अपमान है .इनका चरित्र राष्ट्र के निर्माण में सहायक बनेगा ,देश उन्नति करेगा चाहे दिशा कोई सी
भी हो .इसलिए केजरीवाल सा'ब आप भी पवित्र संसद की गरिमा के लिए अपवित्र सांसदों के कर्मो
पर अंगुली मत उठाईये .
अगर अब भी आप अपनी बात पर डटे रहेंगे तो हम आपको अड़ियल कहेंगे और आपके
अड़ियलपन पर गर्व करेंगें .
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