कार्टून का कार्टून
नदी किनारे लम्बे रूखे बिखरे बाल और बढ़ी हुई दाढ़ी वाले को पिंछी घुमाते देख हम ठिठक गये.हमने
उससे पूछा - आप हुनरमंद लगते हैं मगर अस्त-व्यस्त रहने के तरीके से आप कार्टून जैसे लगते हैं .
वो बोला- अरे भाई ,हम क्या कार्टून लग रहे हैं हमें तो सुधारवादी उदारीकरण की व्यवस्था के बाद
इस देश में ज्यादातर लोग कार्टून के योग्य ही नजर नहीं आते हैं .
हमने कहा -बात तो आपकी सोलह आने सच है .अब ये बताइये महाशय कि इस समय आप क्या कर
रहे हैं ?
वो बोला- मैं कार्टून बना रहा हूँ .
हमने पूछा -किसका ...?
वो बोला- जो सच को सहन कर सके उसका .
हमने पूछा -क्या किसी नेता का ,मंत्री का, संत्री का.......भी बनाते हो ?
वो बोला -आप भी अजीब हैं..! कार्टून का कार्टून ..! मैं भला क्यों बनाऊँगा ? कार्टून बनाना भी एक विद्या
है ,कार्टून सच्चाई की तस्वीर होता है ,जो व्यक्ति सच के वजन को सहने की ताकत नहीं रखता उसका
कार्टून बनाने से समाज का क्या भला होगा ?
हम बोले- .....तो फिर बताओ कि कार्टून किसका बनाया जाता है ?
वो बोला- जो व्यक्ति भूल सुधार की कोशिश में लगा रहता है ,खुद की कमजोरियों का सतत आंकलन
करता रहता है उसी का कार्टून बनाया जाता है .
हमने कहा -हमने तो भूल पर भूल करने वाले के कार्टून ही ज्यादा बनते देखे हैं.कार्टून मसखरी का
दूसरा नाम बनता जा रहा है .....
वो हमारी बात काट कर बोला -आप सही नहीं हैं .कार्टून की शक्ति से एक सामान्य नेता जन नायक
और जन नायक भी खल नायक बन जाता है .
......तो फिर तुम नेता का कार्टून क्यों नहीं बनाते ?किससे डरते हो ? मेने उससे सवाल किया उसके
उत्तर में वो बोला -क्या इस देश में आपको कोई जन नेता दिखता है जिसका कार्टून बनाया जाए ?
जिसे तुम नेता समझ रहे हो वो कार्टून की परिधि से बाहर है .सत्ता चलाना या सियासत करना अलग
बात है और नेता बनना अलग .नेता वो होता है जिसका दिल आम आदमी में धडकता हो .
मेने पूछा -फिर इस देश में कार्टून पर नेता बवाल क्यों मचा रहे हैं ?
वो बोला -तुम जिसे नेता मानने का भ्रम पालते हो तो पालो ,मैं तो २५ साल का युवा हूँ जिसने अपने
जीवन काल मैं एक भी नेता नहीं देखा है .कार्टून बनाना मेरा कर्म है मगर कार्टून का कार्टून बनाना
मेरा पेशा नहीं है .मैं कार्टून बना कर आम आदमी को जाग्रत करूंगा मगर एक कार्टून का कार्टून
हरगिज नहीं बनाऊँगा .
हम उसका उत्तर सुन सन्न रह गए और वही से लौट गये.आज समझे थे कि कार्टून एक विधा है मगर
कार्टून का कार्टून बनाना विधा नहीं है मसखरी है .
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