उत्कृष्ट क्रिकेटर के रूप में सचिन
1988
उनके लिए बेहद उम्दा साबित हुआ जब अंतर स्कूली क्रिकेट मैच में सचिन ने
अपने करीबी मित्र और सह क्रिकेटर विनोद कांबली के साथ 664 रनों की नॉट आउट
पारी खेली. 1987 वर्ल्ड कप के दौरान सचिन मात्र 14 वर्ष के थे जब मुंबई
स्थित वानखेड़े स्टेडियम में भारत बनाम जिंबाब्वे का मैच हुआ. इस मैच में
सचिन बॉल ब्वॉय के तौर पर नियुक्त किए गए थे.
16 वर्ष
की आयु में सचिन को पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का अवसर
मिला. वह न सिर्फ पाकिस्तान जाने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बने बल्कि
उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच भी खेला.
24
फरवरी, 2010 में सचिन तेंदुलकर ने अपने वनडे क्रिकेट के 442वें मैच में
200 रन बनाकर नई ऐतिहासिक पारी खेली. वनडे क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक
जड़ने वाले वह पहले खिलाड़ी बने. तेंदुलकर ने अपने एक दिवसीय कॅरियर में
सर्वाधिक रन आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए हैं. उन्होंने विश्व चैंपियन
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 60 मैच में 3000 से ज्यादा रन बनाए हैं, जिसमें 9 शतक
और अर्धशतक शामिल हैं. श्रीलंका के खिलाफ भी उन्होंने सात शतक और 14
अर्धशतक की मदद से 2471 रन बनाए हैं लेकिन इसके लिए उन्होंने 66 मैच खेले
हैं. इसी वर्ष यानि कि 2012 में उन्होंने अपने एकदिवसीय क्रिकेट कॅरियर में
शतकों का शतक पूरा किया. अपना यह महाशतक उन्होंने बांग्लादेश के विरुद्ध
जड़ा.
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