सांसद बनते ही जनता जनार्दन , जिसके कदम पकड़ते थे , वह भीड़ हो गयी
सांसदों ने कहा संसद सर्वोच्च है, भीड़ नहीं |
स्रोतः प्रभासाक्षी
स्थानः नई दिल्ली तिथिः 13 मई 2012 |
धिक्कार है इसे सांसदों पर,
मेरा बस चले तो ऐसे सांसदों को जुटे मारते हुए जनपथ से घसीटते हुए लाना चाहिए
सांसदों को जूते मारो , जो जनता को भीड़ कहते हैं |
यही हैं हमारे सांसद जिन्ह पर लल्लू को गर्व हैं , भाई का भाई को दर्द |
चोर डैकेत अपनी माँ को नहीं ......बेचते ,
सांसदों ने भारत माँ को बेच दिया ,गाय भैंसों का चारा खा डाला .
वो आदमी ? अन्ना को गाली दे रहा है .
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