भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
6.8.12
Haiku
[लघु कविता]
* यह तो चिट्ठी है
जिसका इंतज़ार करता हूँ ,
तुम्हें तो जानता हूँ
तुम नहीं आ पाओगे |
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