9.9.12

वीजा का नया नियमन बन सकता है ‘मील का पत्थर’


नई दिल्ली। लंबे अरसे के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच अमन की नई राह खुलती नजर आ रही है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की वार्ता में यह उम्मीद और पक्की हुई है। वीजा के नए नियमन का समझौता हो गया है। जबकि इसका प्रस्ताव दशकों पहले किया गया था। लेकिन किसी न किसी वजह से यह लंबित होता आ रहा था। इस नए नियमन से दोनों देशों के बीच आम लोगों का आना-जाना काफी आसान हो जाएगा। वीजा समझौते को बेहतर रिश्तों के लिए ‘मील का पत्थर’ करार किया जा रहा है। विदेश मंत्री एस एम कृष्णा तीन दिन की पाक यात्रा के लिए शुक्रवार को यहां से रवाना हुए थे। इस्लामाबाद पहुंचते ही कृष्णा ने मुलाकातों का दौर शुरू कर दिया था। उन्होंने शुक्रवार को ही देर शाम राष्टÑपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री रजा परवेज असरफ से मुलाकात की थी। विदेश मंत्री कृष्णा का कहना है कि इस्लामाबाद में राष्टÑपति और प्रधानमंत्री दोनों ने भरोसा दिया है कि आतंकवाद के मोर्चे पर पाकिस्तान हर संभव भारत की मदद करेगा। इन लोगों ने पक्का वायदा किया है कि मुंबई हमले के कसूरवारों के खिलाफ इस्लामाबाद सख्त रवैया अपनाएगा। आरोपियों के प्रति कानूनी कार्रवाई तेज करने का भरोसा दिया गया है। कल एस एम कृष्णा और पाक की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के बीच कई मुद्दों पर लंबी मंत्रणा हुई। हिना रब्बानी ने कहा है कि दोनों देशों को पीछे की बातों में उलझने के बजाए, बेहतर कल के बारे में सोचना जरूरी है। इसके लिए आवश्यक है कि हम लोग पिछली कटुताएं भूलकर अमन के नए रास्ते तैयार करें। रब्बानी ने मीडिया से कहा कि पाकिस्तान संकल्प जताता है कि वह दोनों देशों के रिश्तों में आने वाली बाधाओं को मुकम्मल ढंग से दूर करेगा। इसके लिए जरूरी है कि दोनों देश पिछली गलतियों से सबक सीखें और आगे के बेहतर अवसरों का सही उपयोग करें। यदि हमारा यह पक्का संकल्प रहेगा, तो बहुत जल्दी आपसी रिश्ते सामान्य हो जाएंगे। पाकिस्तान के आंतरिक सुरक्षा मामलों के मंत्री रहमान मलिक और कृष्णा के बीच वीजा के नए नियमों का एक समझौता भी संपन्न हो गया है। इसके तहत अब दोनों देशों के नागरिकों के लिए वीजा लेने में काफी आसानी रहेगी। 65 साल से अधिक उम्र वालों को अब वीजा के लिए ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा। उनका वीजा बाघा बॉर्डर पर हाथोंहाथ कुछ घंटों में ही बना दिया जाएगा। समझौते के मुताबिक वीजा की अब 8 श्रेणियां बना दी गई हैं। राजनयिक, गैर-राजनयिक, 36 घंटे की ट्रांजिट विजिट, टूरिस्ट वीजा, सिविल सोसायटी, मीडिया, ग्रुप टूरिस्ट वीजा व बिजनेस वीजा की श्रेणियां बना दी गई हैं। ग्रुप वीजा के तहत अधिकतम 30 लोगों के ग्रुप के लिए एक साथ ही वीजा पास बन जाएगा। टूरिस्ट वीजा के तहत दोनों देशों का कोई नागरिक अब तीन की जगह पांच शहरों में आ-जा सकेगा। पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक का कहना है कि वीजा समझौता दोनों देशों के बेहतर रिश्तों के लिए ऐतिहासिक कदम है। इससे आम आवाम की आवाजाही बढेÞगी। जाहिर है इससे दोनों देशों के लोगों के बीच संवाद की गुंजाइश भी बढ़ जाएगी। नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हो गया था। हमलावर पाकिस्तान से आए थे। इस घटना को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव रहा है। इसी के चलते दोस्ती के रिश्तों को काफी झटका लगा था। मुंबई के हमले के बाद अब दोनों देशों के रिश्ते फिर तेजी से सुधरते नजर आ रहे हैं। इस दिशा में विदेश मंत्री एस एम कृष्णा की इस्लामाबाद यात्रा को राजनयिक हलकों में खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दो साल पहले जुलाई 2010 में विदेश मंत्री एस एम कृष्णा और पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री शाह महमूद कसूरी के बीच आधिकारिक वार्ता हुई थी। लेकिन यह वार्ता कई कारणों से बहुत सफल नहीं रही थी। क्योंकि साझा प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कसूरी और कृष्णा के बीच मीडियावार्ता में काफी नोकझोंक हो गई थी। दोनों नेता काफी गुस्से में आ गए थे। लाइव टीवी कवरेज के चलते पूरी दुनिया ने गुस्से का यह तमाशा देखा था। लेकिन इस बार हिना और कृष्णा के बीच बहुत अच्छे माहौल में वार्ता हुई है। शुक्रवार को विदेश सचिव रंजन मथाई और पाक के विदेश सचिव अब्बास जिलानी के बीच बैठक हुई थी। इसी बैठक में वीजा नियमन के प्रारूप को अंतिम रूप दिया गया था। विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा है कि अब पाकिस्तान के हुक्मरानों का रवैया काफी सकारात्मक लग रहा है। इस्लामाबाद, मुंबई के गुनाहगारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करने जा रहा है। इसके लिए उसने भारत सरकार से कुछ और दस्तावेज मांगे हैं। जिन्हें जल्दी ही मुहैया करा दिया जाएगा। एस एम कृष्णा ने पाकिस्तान के राष्टÑपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के अलावा वहां के तीन प्रमुख दलों के नेताओं से भी मुलाकातें की हैं। इन्हीं मुलाकातों के बाद कृष्णा को उम्मीद बंधी है कि आतंकवाद के मुद्दे पर अब पाक का रवैया काफी सकारात्मक हो गया है। विदेश मंत्री के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल भी इस्लामाबाद गया है। वाणिज्य और उद्योग से जुड़े कई मुद्दों पर व्यापक समझदारी बनी है। हिना रब्बानी ने दावा किया है कि नए व्यापार समझौतों के बाद इस साल दिसंबर तक दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते सामान्य हो जाएंगे। क्योंकि पिछले पांच सालों से ये रिश्ते सामान्य नहीं रह पाए थे। इसके चलते परस्पर व्यापार के लक्ष्य भी पूरे नहीं हो पा रहे थे। कृष्णा ने पाकिस्तान के राष्टÑपति जरदारी से मुलाकात के वक्त चर्चित भारतीय कैदी सरबजीत की रिहाई की अपील भी की है। उल्लेखनीय है कि पंजाब के रहने वाले सरबजीत को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाई गई है। वह कई सालों से वहां की जेलों में यातनाएं झेलता रहा है। विदेश मंत्री ने मानवीय आधार पर उसे रियायत देने की अपील की है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार राष्टÑपति जरदारी ने एस एम कृष्णा को सकारात्मक संकेत दिए हैं। पाकिस्तान सरकार ने इस मौके पर एक खास सकारात्मक पहल करके पाक जेलों में बंद भारतीय मछुआरों की रिहाई का आदेश कर दिया है। करीब 80 मछुआरों को रिहा किया गया है। रहमान मलिक ने उम्मीद जाहिर की है कि भारत सरकार भी इसी तरह का कदम उठाकर उन पाक मछुआरों को रिहा करेगी, जो गलती से समुद्री सीमाओं का उल्लंघन कर जाते हैं। पाक के राष्टÑपति जरदारी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस्लामाबाद आने का न्यौता काफी पहले दिया था। इसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार भी कर लिया था। लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह कब इस्लामाबाद की यात्रा करेंगे? इसको लेकर कयास लगते रहे हैं। अभी भी मुकम्मल कार्यक्रम तय नहीं हो पाया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार डॉ. मनमोहन सिंह पाक जाने का अपना कार्यक्रम तय करने के पहले, जायजा लेंगे कि इस्लामाबाद ने मुंबई हमले के गुनाहगारों के खिलाफ कितने ठोस कदम उठाए हैं? ऐसे में एक तरह से गेंद पाक के पाले में ही डाल दी गई है। यदि वहां की सरकार अपना ईमानदार राजनीतिक संकल्प दिखा देगी, तो मनमोहन सिंह इस्लामाबाद यात्रा का कार्यक्रम फटाफट तय कर लेंगे। पीेएम की यात्रा के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल पर कृष्णा ने यही कहा है कि डॉ. मनमोहन सिंह उचित समय पर पाकिस्तान की यात्रा का फैसला करेंगे। राजनयिक हलकों में ‘उचित समय’ के कई निहितार्थ जरूर समझे जा रहे हैं। यह टिप्पणी पाक सरकार पर एक तरह से राजनयिक दबाव का दांव भी समझा जा रहा है। साभारः वीरेंद्र सेंगर (डीएलए, कार्यकारी संपादक)।

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