21.1.13



 वाह शिंदे साहब ने क्या बकवास कहा । क्यों राहुल जी !


जयपुर सम्मलेन में राहुल गाँधी ने कहा था कि हमें बहुत कुछ बदलना है। राहुल जी ! ये शिंदे साहब ने जो कुछ कहा है उसके बारे में आपका क्या कहना है ? या आप अन्य सभी प्रकरणों की तरह यहाँ पर भी चुप्पी साधने वाले हैं । उम्मीद तो यही है कि आप चुप ही रहेंगे और जो परम्परा मनमोहन सिंह जी ने दाल दी है उसका पालन करेंगे ही  । आपके गृह मंत्री हैं । आपके इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि यदि आप चाहें तो एक इशारा भर करते ही शिंदे साहब बाहर हो जायेंगे । और एक स्वस्थ सन्देश भी देश की जनता के सामने जाएगा । लेकिन है न आपकी वही पुरानी आदत कि जहां बोलना चाहिए वहाँ चुप रह जाना । खैर यदि आप कुछ नहीं बोल रहे हैं
तो इसका मतलब यही है कि आप इसका समर्थन ही करते हैं । आपने ही तो अमेरिका में एक साक्षात्कार में कह दिया था कि देश में कश्मीर से बड़ी चिंता तो हिन्दू आतंकवाद है । आप इस हिन्दू आतंकवाद को रुकवा क्यों नहीं देते ? यदि यह है तो कुछ करने को कहिये अपने गृह मंत्री को । या आप कहना चाहते हैं कि आपके गृहमंत्री ही इतने नाकारा हो  चुके हैं कि उन्हें क्या बोलना है यह ही पता नहीं होता । खुश किसे कर रहे हैं हाफिज सईद को ? श्री हाफिज सईद को ? आपके गृह  मंत्री हाफ़िज़ सईद के नाम में श्री लगाते हैं । आपके दिग्विजय सिंह उसे साहब कहकर संबोधित करते हैं । ओसामा बिन लादेन को ओसामा जी कहकर पुकारते हैं । आपके पूर्व क़ानून मंत्री आम आदमी पार्टी के कार्य कर्ताओं को कहते हैं कि फर्रूखाबाद में घुसकर तो दिखाओ । घुस गए तो जाकर दिखाओ । हम कलम से ही नहीं लहू से भी काम लेंगे । देश भक्तों को गाली और आतंकवादियों को सम्मान । अभी तो आप उपाध्यक्ष बने हैं । अच्छा मौका है अपनी उपाध्यक्षयी दिखाने का । मौका न चूकें । देर हो जायेगी । हालाँकि यहाँ भी मुझे लगता है कि आपसे कुछ नहीं होने वाला । खैर , अब आपके गृहमंत्री यानि एक प्रकार से आप ही ने हाफिज सईद को मौका दिया है कि वह भारत की आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने के लिए जोर लगाए । उसने कहा है न कि भारत के गृहमंत्री ने बता दिया है कि भारत में आतंकवादी पनप रहे हैं । वाह भाई वाह । क्या बात है । यह देश शर्मसार है ऐसे लोगों को इतने बड़े पदों पर बैठा देखकर । थोडा बहुत सोचना तो हमें भी आ गया है कि क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है । लेकिन आपके लोगों के पास शायद काम ज्यादा है जो उन्हें अभी भी बोलना ही नहीं आया है । अब आप ठहरे उपाध्यक्ष । भला आप ही क्या क्या करेंगे । मम्मी के आंसू पोंछें या कुछ काम करें ताकि जनता आपको समझ सके । भगवान् सबको अक्ल दे और सबका भला करे । मेरा भी ।

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