26.2.13


थोथा चना बाजे घना ही साबित हुयी शिवराज की मेडिकल काॅलेज की घोषणा
भाजपा के जनप्रतिनिधियों की चुप्पी बनी चर्चा का विषय
सिवनी। प्रदेश भर में घोषणावीर मुख्यमंत्री की छवि बनाने वाले शिवराज सिंह चैहान की जिले में मेडिकल कालेज बनाने की घोषणा भी खोखली साबित हो रही हैं। तत्कालीन कलेक्टर ने तत्काल ही इसके लिये एक समिति का गठन भी कर दिया था लेकिन वो सिर्फ अखबारों तक ही सीमित होकर रह गयी। भाजपा सरकार के इन नौ सालों में जिले को कुछ भी नहीं मिला और सभी जनप्रतिनिधि भी मौन साधकर ही बैठे रहे।
जिले में जब शिवराज सिंह चैहान ने 21 अक्टूबर 2009 को स्थानीय मिशन स्कूल ग्रांउड़ में प्रायवेट सेक्टर में मेडिकल काॅलेज खोलने की घोषणा की थी तो लोगों  के साथ ही मंचासीन जनप्रतिनिधियों ने भी भारी तालियां बजाकर इसका स्वागत किया था। विकास की राह देखते जिले के नागरिकों को यह उम्मीद बंध गयी थी कि चलो एक बड़ी सौगात तो जिले को मिल ही जायेगी। 
मुख्यमंत्री की घोषणा के तत्काल बाद ही तत्कालीन जिला कलेक्टर मनोहर दुबे ने इसके लिये ण्क शासकीय समिति भी गठित कर दी थी। इसके समाचार भी प्रमुखता से अखबारों में प्रकाशित हुये थें। लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं हो पायी हैं।
सिवनी जिला मुख्यलय में मेडिकल कालेज के लिये आवश्यक 300 बिस्तर वाला शासकीय इंदिरा गांधी चिकित्सालय भी हैं। बीच में यह भी समाचार प्रकाशित हुआ था किे कटनी के पूर्व भाजपा विधायक सुकीर्ति जैन ने सिवनी में मेडिकल कोलज के लिये एम.ओ.यू. साइन कर दिया हैं। लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार अब वे भी इसमें रुचि नहीं ले रहें तभी आज तक वे सिवनी आये भी नहीं हैं। 
जिले में बालाघाट सिवनी के सांसद के.डी.देशमुख, सिवनी,बरघाट एवं लखनादौन के विधायक नीता पटेरिया, कमल मर्सकोले और शशि ठाकुर एवं नगर पालिका के अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी भी भाजपा के ही हैं। इसके बाद भी वे अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री से उनकी घोषणा पूरी नहीं करा पा रहें हैं। भाजपा के ही जनप्रतिनिधियों का इस बारे में मौन रहना समझ से परे हैं।
कुल मिलाकर घोषणा के तीन साल बीत जाने के बाद भी शिवराज सिंह चैहान की मेडिकल कोलेज की घोषणा थोथा चना बाजे घना ही साबित हो रही हैं।   

दर्पण झूठ ना बोले
26 फरवरी 2013 से साभार



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