25.7.13

किसानों को 2-3 रूपये का मुआवजा चेक

-2 रूपये में कैसे संवरेगी किसानों की तकदीर?
-ऐसी मदद पर कैसे गर्व किया जाये?
 ‘जय जवान, जय किसान’ वाले देश में बाढ़ पीढ़ित गरीब किसानों को मुआवजे के तौर पर 2 व 3 रूपये के चेक भी मिल रहे हैं। चौंकना लाजमी है। इतने रूपये में किसानों की तकदीर संवरेगी या वह अपनी बर्बाद फसल की भरपाई कर लेंगे यह मुमकिन तो नहीं है, लेकिन सरकार के हिसाब से है तभी वह कर भी रही है। यह मुआवजा उन किसानों को है जिनकी फसल प्राकृतिक आपदा के चलते खराब हो गई थी। मुआवजे के लिये किसानों ने 1 साल का लम्बा इंतजार भी किया। प्रकरण
हरियाणा प्रान्त के झज्जर जिले का है। कृषि प्रधान देश में किसानों की ऐसी मदद पर कैसे गर्व किया जा सकता है? शर्म भी आती है इस व्यवस्था पर। किसान हाथ में चेक लेकर हक्के-बक्के हैं क्योंकि वह समझ ही नहीं पा रहे कि चेक का क्या करें। चेक सरकारी बैंक के होते तो भी ठीक था। यह चेक प्राईवेट एक्सिस बैंक के हैं। अब जिन किसान का खाता नहीं है वह यदि इस बैंक में खाता खुलवाने पहुंच जाये तो उसे पांच हजार खाता खुलवाने के लिये चाहिए। 2 रूपये का चेक किसान तक पहुंचते हुए कितने खर्च हो गए
होंगे? क्या फायदा ऐसी राहत का? हां कागजी तौर पर एक कारनामा जुड़ गया कि हमने मदद की। यह घिनौने मजाक से ज्यादा कुछ नहीं हो सकता। शुक्र कीजिए देश के बाशिंदे आज भी जय जवान-जय किसान बोलते हैं ओर बोलते रहेंगे। हमें अपने किसानों पर गर्व है।

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