काश! ऐसा होता ......................
विभिन्न लोक लुभावन योजनाओं में सरकार जनता के धन को खर्च करती है।अरबो
रुपया मनरेगा ,सस्ता अनाज,खाद्य सुरक्षा,मीड डे मील,निशुल्क दवाइयों पर खर्च
होता है मगर उसका पूरा फायदा गरीब जनता को नहीं मिलता है,सब योजनाओं में
खूब धांधली और गपले चलते हैं और गरीबों के नाम पर चलने वाली योजनाओं में
बेफाम लूट चलती है।सरकार हर योजना को ठीक से संचालन भी नहीं कर पाती है।
क्यों नहीं सरकार इन लोक लुभावन योजनाओं को खत्म करके गरीबो के हित के
लिए चल रही सभी योजनाओं पर खर्च की जाने वाली राशी को डाकघर के मार्फत
गरीबों के घर तक मासिक रूप से रोकड़ के रूप में पहुँचाने की व्यवस्था कर दे ताकि
गरीबों के हाथों में पूरा रूपया भी पहुंचे और गपले घोटाले भी बंद हो जाए।
विभिन्न लोक लुभावन योजनाओं में सरकार जनता के धन को खर्च करती है।अरबो
रुपया मनरेगा ,सस्ता अनाज,खाद्य सुरक्षा,मीड डे मील,निशुल्क दवाइयों पर खर्च
होता है मगर उसका पूरा फायदा गरीब जनता को नहीं मिलता है,सब योजनाओं में
खूब धांधली और गपले चलते हैं और गरीबों के नाम पर चलने वाली योजनाओं में
बेफाम लूट चलती है।सरकार हर योजना को ठीक से संचालन भी नहीं कर पाती है।
क्यों नहीं सरकार इन लोक लुभावन योजनाओं को खत्म करके गरीबो के हित के
लिए चल रही सभी योजनाओं पर खर्च की जाने वाली राशी को डाकघर के मार्फत
गरीबों के घर तक मासिक रूप से रोकड़ के रूप में पहुँचाने की व्यवस्था कर दे ताकि
गरीबों के हाथों में पूरा रूपया भी पहुंचे और गपले घोटाले भी बंद हो जाए।
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