7.1.14

                                   अतिआत्मविश्वासी कुमार और पोंगा

सुना है कि अमेठी से समाजवादी पार्टी से एक किन्नर चुनाव लड़ने की  तैयारी  में है । हक़ बनता है । ठीक है । आप से कुमार विश्वास चुनाव लड़ रहे हैं । कांग्रेस के तो शहजादे हैं ही । बीजेपी का अभी तक पता नहीं ।फेसबुक पर एक चुटकुला पढ़ा - उद्धृत कर रहा हूँ - एक राजा था । राजा बहुत ही क्रूर था । अजीब अजीब सजाएं देता था । सजाओं के नाम भी अजीब अजीब होते थे । एक बार दो चोर पकडे गए । दोनों को राजा के पास लाया गया । राजा ने पूछा - तुम्हें सजा तो मिलेगी ही । बताओ , क्या सजा चाहिए ? मौत चाहिए या पोंगा ? पहला चोर सोच में पड़  गया । सोचने लगा - मौत से अच्छा तो पोंगा ही है । उसने पोंगा मांग लिया । राजा ने अपने एक सैनिक को बुलाया - कहा - छह लोहे की  गरम छड़ें लाओ और इसके पेट में भौंक दो । अब दूसरे  चोर ने सोचा यह पोंगा तो बहुत ही खतरनाक है । जब उससे सजा के बारे में पूछा गया तो वह बोला - मुझे तो मौत ही दे दो । राजा ने दूसरे  सैनिक को बुलाया - कहा - छह लोहे की  गरम छड़ें लाओ और इसके पेट में भौंक दो और तब तक भौंक कर रखो जब तक इसे मौत न आ जाए । अब अमेठी वालों से पूछना होगा कि उन्हें मौत चाहिए या पोंगा ।
खैर , अब आगे बढ़ते हैं । कुमार विश्वास लड़ रो रहे हैं लेकिन घबरा भी रहे हैं क्योंकि वे केजरीवाल नहीं हैं । वे कहते हैं । नरेंद्र मोदी में हिम्मत है तो वे अमेठी से लड़कर दिखाएं । ऐसे में वे एक तरफ तो ये साबित करने की  कोशिश कर रहे हैं कि वे बहुत ही हिम्मती हैं क्योंकि वे राहुल के सामने चुनाव लड़ रहे हैं और दूसरी ओर  बता रहे हैं कि नरेंद्र मोदी अगर हिम्मती होंगे तो अमेठी से चुनाव लड़ेंगे । उधर वे राहुल को भी महिमामंडित करने की  कोशिश कर रहे हैं कि राहुल के खिलाफ लड़ना बहुत हिम्मत की  बात है । लेकिन कुमार विश्वास स्वयं क्यों नहीं मोदी के खिलाफ लड़ लेते । तिकोनी लड़ाई की  मलाई खाना चाहते हैं कुमार , वे अति आत्मविश्वास के शिकार हैं और बीजेपी जिस कारण से अमेठी में चुनाव हारती रही है उन वोट्स को कुमार ले जायेंगे । और बीजेपी का ही रास्ता प्रशस्त करेंगे क्योंकि जनता कभी भी इस करोड़पती  आम आदमी को स्वीकार नहीं करेगी । बड़बोलापन  खूबी नहीं कमजोरी होता है कुमार महोदय । आपका आगमन बीजेपी का रास्ता प्रशस्त करेगा पूरे उत्तर प्रदेश में । कांग्रेस से हाथ मिला कर दिल्ली में आपने जो खेल खेल है उससे हर आपको गाली महसूस हुई है । अरविन्द कभी अर्जुन थे अन्ना  के , अन्ना  ने अंगूठा मांग लिया था तो अरविन्द एकलव्य बन गए और चुनाव के बाद दिल्ली का राजा बना कर कांग्रेस ने उन्हें कर्ण  बना दिया । उत्तर प्रदेश में अब कांग्रेस रुपी दुर्योधन का कर्ज़  उतारने का समय आया है । लड़िये चुनाव । जो भीड़ आप तक आ रही है वह आपसे दूर छिटकने में देर नहीं लगाएगी । दिल्ली संभालिये । फिर देश की  सोचिये ।
डॉ द्विजेन्द्र , हरिपुर कलां , देहरादून

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