हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र
मोदी ने जी न्यूज को दिए गए साक्षात्कार में कहा है कि अगर हारा तो मैं
चाय भी बेच सकता हूँ इसलिए कांग्रेसियों को उनकी चिंता नहीं करना चाहिए।
इसके बजाए उनको खुद की चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनको इस बात की
चिंता नहीं है कि कोई नेता उनको पसंद करता है या नहीं बल्कि वे तो बस इतना ही
जानते हैं कि जनता को उनकी बातें अच्छी लगती हैं। श्री मोदी ने मीडिया के
एक वर्ग पर बिना जाँच किये उनके खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने
कहा कि वे खुद भी खुद को पूरी तरह से नहीं जानते हैं परंतु इतना जरूर है
कि उनमें अथक परिश्रम करने की क्षमता है और उनके मन में सिर्फ आशा ही आशा
है। श्री मोदी ने कहा कि वे कभी अपनी जाति बताना नहीं चाहते थे क्योंकि वे
जातिवादी बिल्कुल भी नहीं हैं लेकिन उनको जब पानी पी पीकर उनको ऊँची जाति
का और अमीर परिवार का बताकर गालियाँ दी जाने लगीं तो उनको कहना पड़ा कि वे
पिछड़ी जाति और गरीब परिवार से आते हैं।
उन्होंने कहा कि देश की सबसे अनुभवी पार्टी कांग्रेस ने अपने वक्तव्यों से पिछले कुछ दिनों में स्पष्ट कर दिया है देश में इस समय परिवर्तन की हवा चल रही है और कांग्रेस सत्ता से बाहर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आदि को लगता है कि मोदी को गालियाँ देने से वोट मिलेगा जबकि वे मानते हैं कि विकास और सुशासन के नाम पर वोट मिलेगा।
उन्होंने कहा कि देश के समक्ष सबसे बड़ा संकट यह है कि कांग्रेस अपने कुकृत्यों से शर्मिंदा नहीं है उल्टे आक्रामक है। मोदी ने कहा कि साथ में परिवार होने से ही कोई भ्रष्ट नहीं हो जाता बल्कि उनकी माँ तो आज भी 20 रुपए की चप्पल पहनती है और मुझे इस बात पर गर्व है। श्री मोदी ने कहा कि वे बदले की भावना से काम नहीं करते हैं बल्कि उनके पास तो काम करने से ही वक्त नहीं बचता। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मामले में कानून अपना काम करेगा।
श्री मोदी ने कहा कि उनका एजेंडा सुशासन है और वे सिर्फ इसी पर बात करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि गरीबों की गरीबी हमेशा के लिए समाप्त हो,बेरोजगारों को रोजगार मिले,कृषकों को फसल का सही मूल्य मिले,भ्रष्टाचार और महंगाई कम हो। उन्होंने कहा कि कश्मीर को डुबानेवाले उनके समर्थकों को डुबाने की बात कर रहे हैं। उनकी सुरक्षा पर मंडराते खतरे पर उन्होंने कहा कि मोदी रहे न रहे देश सुरक्षित रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव केंद्र में हो रहा है और विपक्ष गुजरात सरकार का विश्लेषण करने में लगे हैं जबकि बात केंद्र की सरकार के कामकाज की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे मजदूर हैं और मजदूरों की तरह ही मेहनत करते हैं। वे अन्य नेताओं की तरह आरामतलब नहीं हैं। उनको आराम नहीं काम चाहिए।
मोदी ने कहा कि उनको तब घोर आश्चर्य हुआ था जब आधे भारत को अंधेरे में डुबा देनेवाले व्यक्ति को प्रोन्नति देकर भारत का गृह मंत्री बना दिया गया। क्या इस तरह से अच्छा शासन लाया जा सकता है? उन्होंने भारत के चुनावों में विदेश नीति की चर्चा नहीं होने पर चिेता जताई। उन्होंने कहा कि नैन्सी पावेल की छुट्टी हो जाने के कारणों को अमेरिका की सरकार ही बता सकती है।
उन्होंने कहा कि उनको यह पता है कि गुजरात मॉडेल पूरे देश में लागू नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वे जनता की नब्ज समझते हैं। उनको पता है कि देश की जनता को पिछले 12 सालों में क्या-क्या भुगतना पड़ा है। उनको यह भी पता है कि पूरे देश को एक ही डंडे से नहीं हाँका जा सकता। उन्होंने कहा कि विकास और सुशासन उनकी प्राथमिकता है वे यह-वह कर देने के दावे नहीं करते। उन्होंने कहा कि कुशासन,महंगाई,बेरोजगारी सहित सारी समस्याएँ कांग्रेस से जुड़ी हुई हैं इसलिए कांग्रेस को समाप्त करना पड़ेगा तभी ये समस्याएँ भी समाप्त होंगी। उन्होंने कहा कि 16 मई को निराशा का अंत हो जाएगा और सवा सौ करोड़ भारतीयों के मन में आशा का संचार हो जाएगा। साक्षात्कार के अंत में उन्होंने 18 से 28 आयुवर्ग के नौजवानों से अपील की कि जीवन के इस सबसे महत्वपूर्ण क्षण में वोट डालकर उनको अपने भविष्य का फैसला खुद ही करना चाहिए।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
उन्होंने कहा कि देश की सबसे अनुभवी पार्टी कांग्रेस ने अपने वक्तव्यों से पिछले कुछ दिनों में स्पष्ट कर दिया है देश में इस समय परिवर्तन की हवा चल रही है और कांग्रेस सत्ता से बाहर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आदि को लगता है कि मोदी को गालियाँ देने से वोट मिलेगा जबकि वे मानते हैं कि विकास और सुशासन के नाम पर वोट मिलेगा।
उन्होंने कहा कि देश के समक्ष सबसे बड़ा संकट यह है कि कांग्रेस अपने कुकृत्यों से शर्मिंदा नहीं है उल्टे आक्रामक है। मोदी ने कहा कि साथ में परिवार होने से ही कोई भ्रष्ट नहीं हो जाता बल्कि उनकी माँ तो आज भी 20 रुपए की चप्पल पहनती है और मुझे इस बात पर गर्व है। श्री मोदी ने कहा कि वे बदले की भावना से काम नहीं करते हैं बल्कि उनके पास तो काम करने से ही वक्त नहीं बचता। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मामले में कानून अपना काम करेगा।
श्री मोदी ने कहा कि उनका एजेंडा सुशासन है और वे सिर्फ इसी पर बात करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि गरीबों की गरीबी हमेशा के लिए समाप्त हो,बेरोजगारों को रोजगार मिले,कृषकों को फसल का सही मूल्य मिले,भ्रष्टाचार और महंगाई कम हो। उन्होंने कहा कि कश्मीर को डुबानेवाले उनके समर्थकों को डुबाने की बात कर रहे हैं। उनकी सुरक्षा पर मंडराते खतरे पर उन्होंने कहा कि मोदी रहे न रहे देश सुरक्षित रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव केंद्र में हो रहा है और विपक्ष गुजरात सरकार का विश्लेषण करने में लगे हैं जबकि बात केंद्र की सरकार के कामकाज की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे मजदूर हैं और मजदूरों की तरह ही मेहनत करते हैं। वे अन्य नेताओं की तरह आरामतलब नहीं हैं। उनको आराम नहीं काम चाहिए।
मोदी ने कहा कि उनको तब घोर आश्चर्य हुआ था जब आधे भारत को अंधेरे में डुबा देनेवाले व्यक्ति को प्रोन्नति देकर भारत का गृह मंत्री बना दिया गया। क्या इस तरह से अच्छा शासन लाया जा सकता है? उन्होंने भारत के चुनावों में विदेश नीति की चर्चा नहीं होने पर चिेता जताई। उन्होंने कहा कि नैन्सी पावेल की छुट्टी हो जाने के कारणों को अमेरिका की सरकार ही बता सकती है।
उन्होंने कहा कि उनको यह पता है कि गुजरात मॉडेल पूरे देश में लागू नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वे जनता की नब्ज समझते हैं। उनको पता है कि देश की जनता को पिछले 12 सालों में क्या-क्या भुगतना पड़ा है। उनको यह भी पता है कि पूरे देश को एक ही डंडे से नहीं हाँका जा सकता। उन्होंने कहा कि विकास और सुशासन उनकी प्राथमिकता है वे यह-वह कर देने के दावे नहीं करते। उन्होंने कहा कि कुशासन,महंगाई,बेरोजगारी सहित सारी समस्याएँ कांग्रेस से जुड़ी हुई हैं इसलिए कांग्रेस को समाप्त करना पड़ेगा तभी ये समस्याएँ भी समाप्त होंगी। उन्होंने कहा कि 16 मई को निराशा का अंत हो जाएगा और सवा सौ करोड़ भारतीयों के मन में आशा का संचार हो जाएगा। साक्षात्कार के अंत में उन्होंने 18 से 28 आयुवर्ग के नौजवानों से अपील की कि जीवन के इस सबसे महत्वपूर्ण क्षण में वोट डालकर उनको अपने भविष्य का फैसला खुद ही करना चाहिए।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
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