भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
16.4.14
मैं अकेला हे चला था जानिबे मंज़िल मगर,लोग साथ आते गए करवा बनता गया ---
मैं अकेला हे चला था जानिबे मंज़िल मगर,लोग साथ आते गए करवा बनता गया ---
शुक्रया आप सभी का-----
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