25.5.14

पगथिया: बाप

पगथिया:  बाप:

 बाप की थप्पड़-

 दुनियाँ की अँधड़ से बचाती है;

 क्योंकि -

 उन की थप्पड़ में- 

 अनुशासन का पाठ है ,

 कर्तव्य का ज्ञान है ,

 कुल के गौरव का...

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