सांस्कृतिक परिदृश्य में अपनी गतिविधियों से गंभीर हस्तक्षेप करने वाले नगर के कला स्रोत कला दीर्घा एवं कला केन्द्र ने रविवार को युवा एवं वरिष्ठ कलाकारों की बड़ी संख्या में उपस्थिति के बीच अपनी पहली सालगिरह के अवसर पर आयोजित लखनऊ कला महोत्सव की भव्य शुरूआत की। केन्द्र के अलीगंज स्थित कला दीर्घा में सूचना विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल और उनकी कलाकार पत्नी वन्दना सहगल ने इस उत्सव का उद्घाटन किया। उत्सव का आरम्भ दिल्ली की नीव कला दीर्घा द्वारा आयोजित सामूहिक कला प्रदर्शनी से हुआ। 23 अगस्त तक चलने वाले इस उत्सव में कला प्रदर्शनी के साथ ही छायाचित्र प्रदर्शनी, कार्यशाला, प्रतियोगिता, संगोष्ठी एवं संगीत कार्यक्रमों के विविध आयोजन किए जा रहे हैं।
महोत्सव का उद्घाटन करते हुए प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि कलास्रोत के बहाने नगर को एक महोत्सव मिला है जिसमें सभी कलाओं का समावेश है। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र के माध्यम से न सिर्फ कलाकारों को न सिर्फ अपनी कलाओं के प्रदर्शन का अवसर मिल रहा है बल्कि युवाओं को कला के बारे में जानने-सीखने का मौका भी मिला है। वास्तुकला महाविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर वन्दना सहगल ने कहा कि लखनऊ धरोहरों का शहर है और कलाओं की दृष्टि से जो कुछ यहां है वह और कहीं नहीं है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए केन्द्र के निदेशक अनुराग एवं मानसी डिडवानिया ने कहा कि एक साल पहले जब हमने इस कला दीर्घा और केन्द्र की शुरूआत की थी हमें यह विश्वास तो था कि अच्छे कार्यों को कलाप्रेमी और कलाकार समुदाय की सराहना मिलेगी लेकिन इस एक वर्ष में हमें जिस प्रकार वरिष्ठ से लेकर युवाओं तक, कला से लेकर संगीत, रंगमंच और साहित्य जगत की विभूतियों का, कलाकारों से लेकर कलाप्रेमियों तक का प्रोत्साहन, समर्थन और सहयोग मिला है वह हमारी उम्मीद से बहुत अधिक है। इस प्रेम ने न सिर्फ हमारा हौसला बढ़ाया है और लगातार काम करने का साहस दिया है बल्कि हमारी जिम्मेदारी को और अधिक कर दिया है। हमें लगातार उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना है। उन्होंने कहा कि हम विश्वास दिलाना चाहेंगे कि कलास्रोत इसी प्रकार निरन्तर सार्थक और गुणवत्तापूर्ण कार्यक्रम करता रहेगा।
उद्घाटन समारोह का संचालन करते हुए केन्द्र द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका कला स्रोत के सम्पादक आलोक पराड़कर ने कहा कि केन्द्र की गतिविधियां एक मंच की तरह हैं जहां संवाद स्थापित करने की कोशिश हुई है। पत्रिका के माध्यम से इसके दायरा व्यापक हुआ है। थोड़े ही समय में पत्रिका के दो अंक प्रकाशित हुए हैं और उसका स्वागत हुआ है। केन्द्र के क्यूरेटर भूपेन्द्र के.अस्थाना ने महोत्सव के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उद्घाटन के अवसर पर योगेश प्रवीन, एन. खन्ना, अनिल रिसाल सिंह, राकेश चन्द्रा, शरद पाण्डेय, रवि कपूर, आजेश जायसवाल, हरिमोहन माधव सहित कई प्रमुख संस्कृतिकर्मी उपस्थित थे।
केन्द्र में दिखी 14 कलाकारों की कला
लखनऊ कला महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर दिल्ली की नीव कला दीर्घा द्वारा आयोजित सामूहिक कला प्रदर्शनी में कई प्रदेशों के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है। 14 कलाकारों की इस प्रदर्शनी में चित्र एवं मूर्तिशिल्प प्रदर्शित हैं। प्रदर्शनी में दिल्ली के अबान रजा, अदिति अग्रवाल, नेहा नारायण और रश्मि खुराना, झारखण्ड के अनूप आखर पाण्डेय, कुमार रंजन, माउमिता घोष, बिहार के बी. अजय शर्मा, गुजरात के गोपा त्रिवेदी एवं प्रमोद कुमार, हिमाचल प्रदेश की मेखला हैरीसन, महाराष्ट्र के प्रताप मौर्य, मध्यप्रदेश के प्रशान्त केवी और उत्तर प्रदेश के शैलेष मोहन ओझा की कलाकृतियां प्रदर्शित की गयी है । इस मौके पर नीव कला दीर्घा के निदेशक साजी मैथ्यू, अरुणा और क्यूरेटर रीतेश शर्मा भी उपस्थित थे। महोत्सव के अन्तर्गत यह प्रदर्शनी 17 अगस्त तक चलेगी।
कला महोत्सव में आज
कला स्रोत कला दीर्घा एवं कला केन्द्र के लखनऊ कला महोत्सव के दूसरे दिन 10 अगस्त को पूर्वाह्न 10 बजे से आलमबाग स्थित वेल्दी फिशर चिल्ड्रेन एकेडमी में पोस्टर एवं निबन्ध प्रतियोगिता प्लेइंग विद् कलर का आयोजन किया जाएगा। केन्द्र की अलीगंज दीर्घा में दिल्ली के नीव कला दीर्घा की सामूहिक कला प्रदर्शनी पूर्वाह 11 बजे से रात्रि आठ बजे तक अवलोकनार्थ खुली रहेगी।
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भूपेन्द्र के. अस्थाना
क्यूरेटर
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